सम्पादकीय

आतंकियों के इरादे

Subhi
24 Aug 2022 3:10 AM GMT
आतंकियों के इरादे
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रूसी खुफिया एजेंसी एफएसबी द्वारा भारत में फिदायीन हमले की तैयारी कर रहे आतंकवादी को पकड़े जाने की खबर वाकई गंभीर है। आईएस का प्रशिक्षण प्राप्त यह आतंकी रूस से भारत आने की फिराक में था। उसका मकसद यहां सत्ता प्रतिष्ठान से जुड़े एक नेता को निशाना बनाकर पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ दिए गए बयान का बदला लेना था।

नवभारत टाइम्स: रूसी खुफिया एजेंसी एफएसबी द्वारा भारत में फिदायीन हमले की तैयारी कर रहे आतंकवादी को पकड़े जाने की खबर वाकई गंभीर है। आईएस का प्रशिक्षण प्राप्त यह आतंकी रूस से भारत आने की फिराक में था। उसका मकसद यहां सत्ता प्रतिष्ठान से जुड़े एक नेता को निशाना बनाकर पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ दिए गए बयान का बदला लेना था। गौरतलब है कि इसी जून में एक टीवी कार्यक्रम के दौरान बीजेपी की तत्कालीन प्रवक्ता नूपुर शर्मा के दिए एक बयान पर विवाद ने अंतरराष्ट्रीय रूप ले लिया था। तब बीजेपी ने न केवल इस बयान से खुद को दूर कर लिया बल्कि इससे जुड़े दोनों प्रवक्ताओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी की थी। उसके बाद माहौल शांत होता गया और धीरे-धीरे बयान से उपजे विवाद को लगभग समाप्त मान लिया गया। मगर रूस में हुई ताजा गिरफ्तारी ने इसे एक बार फिर जिंदा कर दिया है।

जिस तरह से कुछ ही दिन पहले मशहूर लेखक सलमान रुश्दी पर उनके उपन्यास सैटनिक वर्सेज के लिए फतवा जारी होने के करीब डेढ़ दशक बाद अमेरिका में जानलेवा हमला हुआ, उसके मद्देनजर रूस में हुई गिरफ्तारी से खुली इस साजिश पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है। कथित आतंकी से हुई पूछताछ के हवाले से बताया गया है कि हमले के लिए आवश्यक सभी जरूरी सामान उसे भारत पहुंचने के बाद ही मुहैया कराए जाने थे। स्वाभाविक ही इस सूचना ने भारतीय खुफिया एजेंसियों और सुरक्षा तंत्र को सतर्क कर दिया है। उस संदिग्ध नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश शुरू हो गई है, जिसके जरिए आतंकी हमले के लिए आवश्यक लॉजिस्टिक सपोर्ट पहुंचाने की तैयारी की जा रही थी।

माना जा रहा है कि आईएस खुरासान और अन्य अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों की नूपुर शर्मा के विवादित बयान की आड़ में स्थानीय आतंकी तत्वों के सहयोग से इस बड़ी वारदात को अंजाम देने और इस तरह भारत को एक बार फिर ग्लोबल टेरर के मैप पर लाने की तैयारी थी। यहां एक सवाल यह भी उठता है कि भारतीय खुफिया एजेंसियों को इसकी भनक क्यों नहीं लगी? नूपुर शर्मा के बयान का कथित तौर पर समर्थन करने वाले कुछ लोगों को निशाना बनाया गया था। उनमें से एक मामले में जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, उनके संबंध पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन से होने की बात शुरुआती जांच में कही गई थी।

जाहिर तौर पर ऐसे तत्व देश में शांति भंग करना चाहते हैं। इन तत्वों को रोकने की जिम्मेदारी खुफिया एजेंसियों और पुलिस की बनती है। इसके साथ इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि नेताओं की ओर से ऐसी बयानबाजी ना हो, जिससे गलत तत्वों को उसके बहाने से देश का माहौल बिगाड़ने का मौका मिले। अफसोस कि नूपुर शर्मा के बयान के बाद भी ऐसी बयानबाजी रुकी नहीं है।


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