- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- महंगाई से राहत
x
खासतौर पर खाने-पीने की चीजों के दाम से महंगाई की तीव्रता दर्ज की जाती है।
काफी समय बाद अब इस मोर्चे पर साधारण लोगों के लिए यह राहत की खबर है कि खुदरा महंगाई दर पिछले एक साल में सबसे नीचे पहुंच गई है। दरअसल, बीते साल नवंबर के मुकाबले दिसंबर में खुदरा महंगाई दर में आई कमी ने एक बार फिर यह उम्मीद पैदा की है कि अगर यह स्थिति बनी रहती है तो देश की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर आ जाएगी। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर 2022 में खुदरा महंगाई दर जहां 5.88 फीसद थी, वह दिसंबर में यह 5.72 फीसद दर्ज की गई। हो सकता है कि आंकड़ों के लिहाज से इसे कोई बड़ा फेरबदल नहीं माना जाए, लेकिन कई बार बाजार में जरूरी चीजों की कीमतों में आई कुछ कमी साधारण लोगों के लिए किसी उम्मीद कम नहीं होती।
बाजार में जरूरी चीजों के खुदरा मूल्यों में आई गिरावट को जहां देश में एक बड़ी समस्या से राहत के रूप में देखा जा रहा है, वहीं इसकी अहमियत इस रूप में भी दर्ज की जा रही है कि जिस दौर में समूची दुनिया महंगाई से उपजी समस्याओं का सामना कर रही है, वैसे में भारत ने इस मोर्चे पर उभरी मुश्किलों को कुछ कम करने में कामयाबी हासिल की है। गौरतलब है कि खुले बाजार में खुदरा महंगाई दर के आकलन के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को आधार बनाया जाता है, जिसमें ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सेवाओं के इस्तेमाल को कसौटी माना जाता है।
इसमें ग्रामीण क्षेत्र के लिए चार सौ अड़तालीस और शहरी क्षेत्रों के लिए चार सौ साठ वस्तुओं और सेवाओं को शामिल किया गया है। यों खुले बाजार में ऐसी तमाम वस्तुएं होती हैं, जिनकी कीमतों तक लोगों की पहुंच उसकी खरीदारी को तय करती है। लेकिन मुख्य रूप से रोजमर्रा की जरूरी और खासतौर पर खाने-पीने की चीजों के दाम से महंगाई की तीव्रता दर्ज की जाती है।
सोर्स: jansatta
TagsPublic relation latest newspublic relation newspublic relation news webdeskpublic relation latest newstoday's big newstoday's important newspublic relation Hindi newspublic relation big newscountry-world newsstate wise newshind newstoday's newsbig newsrelationship with publicnew newsdaily newsbreaking newsindia newsseries of newsnews of country and abroad
Neha Dani
Next Story