सम्पादकीय

भारत-पाक क्रिकेट मैच : पहले लेंगे कुर्बानी का बदला…फिर चले मैदान पर बल्ला!

Rani Sahu
18 Oct 2021 6:47 AM GMT
भारत-पाक क्रिकेट मैच : पहले लेंगे कुर्बानी का बदला…फिर चले मैदान पर बल्ला!
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क्रिकेट इस देश का जुनून है…हिंदुस्तान में क्रिकेट एक धर्म सा है..क्रिकेट का वर्ल्ड कप हिंदुस्तानियों के लिए खेल के कुंभ की तरह है

अंकुर झा क्रिकेट इस देश का जुनून है…हिंदुस्तान में क्रिकेट एक धर्म सा है..क्रिकेट का वर्ल्ड कप हिंदुस्तानियों के लिए खेल के कुंभ की तरह है…और इसमें जब भारत और पाकिस्तान के बीच मैच की बात होती है, तो दोनों देशों में रोमांच चरम पर होता है. सब टकटकी लगाए रहते हैं. फिर 24 अक्टूबर को भारत और पाकिस्तान के बीच मैच होना है लेकिन इस बार एक-एक हिंदुस्तानी, क्रिकेट से पहले शहीदों की शहादत देख रहे हैं. पाकिस्तानियों की कायरता देख रहे हैं, लिहाजा सोशल मीडिया उबल रहा है!

पाकिस्तानी सरहद पार कर आघात करते रहे! गोलियां दागते रहे! ताबूत भरते रहे! हम तिरंगे में अपनों को लपेटते रहें! बिलखते रहें! कसम खाते रहें! और फिर संकल्प सिद्ध करने की बजाय शहादत को भूलकर क्रिकेट के मैदान में हाथ मिलाने लगे! ऐसा अब नहीं चलेगा! बिल्कुल भी नहीं चलेगा! जान लीजिए कि एक हाथ में बंदूक और दूसरे हाथ में बैट थामने वालों के साथ क्रिकेट नहीं चलेगा! मान लीजिए कि घाटी में खून-खराबा करने वालों के साथियों के साथ खेल नहीं होगा! क्योंकि क्रिकेट से पहले बलिदान अब अंजाम मांगता है! शहीदों का परिवार कहता है कि पहले लेंगे कुर्बानी का बदला…फिर चले मैदान पर बल्ला!
नौ शहादत से समूचा देश उबल रहा है!
उत्तराखंड के चमोली में शहीद योगंबर सिंह की आखिरी विदाई हो रही थी! तब शहात को सलाम करने के लिए समूचा चमोली सड़क पर उतर आया था! राष्ट्र की रक्षा के लिए बलिदान देने वाले जवान को अंतिम प्रणाम करने पहुंचे लोग रो रहे थे! ज़मीन-आसमान रो रहा था! कायरों की हरकत पर लोग बेहत क्रोधित थे! गुस्से में थे कि जिसने पीठ पर प्रहार किया है, उसके साथ चंद रोज बाद क्रिकेट के मैदान पर हमारे क्रिकेटर कैसे मिलेंगे! आक्रोशित परिवार कह रहा है कि पहले लेंगे कुर्बानी का बदला…फिर चले मैदान पर बल्ला!
शहीद विक्रम नेगी की शहादत प्रतिकार मांग रही है! शहीद नायब सुबेदार जसबिंदर सिंह की चिता धधकती हुई आग प्रतिशोध मांग रही है! शहीद नायक मंदीप सिंह को विदा करने पहुंचे लोग बदला मांग रहे हैं! शहीद सिपाही गज्जन सिंह..शहीद सिपाही सरज सिंह और शहीद सिपाही बैसाख सिंह से लेकर हर उस शहीद का परिवार इंसाफ मांग रहा है! पूछ रहा है कि इस जख्म के इलाज से पहले क्रिकेट कैसे होगा? कैसे इस शहादत से पहले क्रिकेट के रोमांच को महसूस कर पाएंगे? कैसे आंखों इन शहीदों की यादों के बीच कैसे हिंदुस्तानी क्रिकेट के मैदान पर दहशतगर्दों के दोस्तों से हाथ मिला पाएंगे? इसलिए समूचा देश एक आवाज में बोल रहा है! हिंदू-सिख-मुसलमान कह रहा है! एक आवाज़ में सारा हिंदुस्तान कह रहा है! कि पहले लेंगे कुर्बानी का बदला..फिर चलेगा बल्ला!
जवानों के लहू की कीमत पर क्रिकेट का रोमांच एक भी हिंदुस्तानी को बर्दाश्त नहीं है! 120 ओवर के उत्साह की फिक्र से ज्यादा लोगों को हिंदुस्तान की आन की परवाह है! सम्मान की परवाह है! अपने शूरवीरों की जान की परवाह है! इसीलिए कूटनीतिक रिश्तों की तरह क्रिकेट में भी वही उसूल देश मांग रहा है! लश्कर..जैश और हिज्बुल से सहानुभूति रखने वालों से बदला मांग रहा है! एक सुर में सब कह रहे हैं कि पहले लेंगे कुर्बानी का बदला..फिर चलेगा बल्ला! नौ शहादत से समूचा देश उबल रहा है! आक्रोश की अग्निज्वाला में जल रहा है! पाकिस्तान पर प्रचंड पलटवार की मांग में कोने-कोने में उठ रही है! पाकिस्तान के विरोध में प्रदर्शन हो रहा है! सोशल मीडिया पर तूफान उठा हुआ है! ट्विटर पर भी लोगों की भावनाओं का ज्वार उठ रहा है! ट्विटर पर तो लोग पाकिस्तानी क्रिकेट पर प्रतिबंधों के प्रहार करने की मांग कर रहे हैं! सोशल मीडिया पर देश का मिजाज भांप चुके तमाम दलों के नेता भी एकसुर में अब आतंक की नीति पर चलने तक पाकिस्तान क्रिकेट की अंतर्राष्ट्रीय मान्यता खत्म करने की मांग कर रहे हैं! सियासत से लेकर सिनेमा तक एक ही आवाज़ उठ रही है! बॉलीवुड में भी अब आतंक नीति पर चलने वाले पाकिस्तान के क्रिकेट को बैन करने की मांग कर रहे हैं! कह रहे हैं कि पहले लेंगे कुर्बानी का बदला..फिर चलेगा बल्ला!
पूरी दुनिया पाकिस्तानी क्रिकेट से दूर
बंदूकधारियों के हाथ से बल्ला टंगवाने की मांग यूं ही नहीं हुई है! पूरी दुनिया पाकिस्तानी क्रिकेट से दूर है..कैसे दुनिया के तमाम मुल्कों ने पाकिस्तानी क्रिकेट को बैन कर रखा है, ये बताएंगे..मगर उससे पहले जानिए कि 9 साल से पाकिस्तान के साथ भारत का क्रिकेट बंद है! दिसंबर 2012 के बाद भारत-पाकिस्तान में द्विपक्षीय सीरीज बंद है! दिसंबर 2012 में दोनों देशों के बीच आखिरी सीरीज हुई थी! दिसंबर 2012 में पाकिस्तान की टीम भारत के दौरे पर आई थी! 2012 सीरीज में वनडे मैच और टी-20 मैच खेले गए थे! भारत आखिरी बार 2006 में पाकिस्तान के दौरे पर गया था! भारत-पाक के बीच आखिरी बार टेस्ट मैच 2008 में हुआ था!
मुंबई हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान का दौरा बंद कर दिया था! बावजूद इसके वर्ल्ड कप में दोनों देशों के बीच क्रिकेट मैच होता रहा है! दिसंबर 2012 दोनों देशों के बीच सीरीज हुई! लेकिन उसके बाद से वन टू वन क्रिकेट बंद है! लेकिन वर्ल्ड कप में दोनों टीम खेलती रही है! अबकी बार, उसे भी बंद करने की देशव्यापी मांग उठ रही है! और मोदी सरकार के मंत्री गिरिराज सिंह भी इसे विस्तार दे रहे हैं!
क्या पाकिस्तान पूरी दुनिया के क्रिकेट से कट जाएगा!
जान लीजिए कि अगर एक बार हिंदुस्तान ने ठान लिया तो पाकिस्तान पूरी दुनिया से कट जाएगा! क्योंकि तमाम मुल्क पहले ही पाकिस्तानी क्रिकेट को बॉयकट कर चुके हैं! इसी साल 17 सितंबर को पाकिस्तान पहुंचकर भी न्यूज़ीलैंड वापस हो गया! आतंकी घटना की आहट सुनकर न्यूजीलैंड के साथ सीरीज को रद्द कर दिया! न्यूजीलैंड की टीम 18 साल बाद श्रृंखला खेलने पाकिस्तान आई थी! उसके बाद इंग्लैंड की क्रिकेट टीम ने भी पाकिस्तान का दौरा रद्द कर दिया! मार्च 2009 में पाकिस्तान में आतंकियों ने श्रीलंका की क्रिकेट टीम पर हमला किया था!
उसके बाद तमाम मुल्कों ने अपनी क्रिकेट टीम को पाकिस्तान भेजना बंद कर दिया था! कई बरस बाद फिर जब कुछ गिनी हुई क्रिकेट टीम पाकिस्तान जानी शुरू की तो फिर वही हुआ, जिसके लिए पाकिस्तान कुख्यात है! देश के अंदर से लेकर सरहद पार तक खून-खराबा करने वाले पाकिस्तान को फिर से क्रिकेट से दूर करने की मांग की जा रही है! और ये मांग तब हो रही है, जब एक क्रिकेटर के हाथ में पाकिस्तान की कमान है! लेकिन क्रिकेटर, बल्ला छोड़ने के बाद बंदूक वाली जुबान बोल रहे हैं!
सिर्फ इमरान ख़ान नहीं, जावेद मियांदाद से लेकर शाहिद अफरिदी से लेकर हर कोई क्रिकेट छोड़ने के बाद बारूदी बातें बोल रहा है! जावेद मियांदाद ने तो अपने बेटे की शादी उस दाऊद इब्राहिम की बेटी से की है, जो हिंदुस्तान का मोस्टवांटेड है! मियांदाद भी आतंकनीति का समर्थक है!
पूरी फेहरिस्त है पाकिस्तानियों की, जो बॉल और बल्ला छोड़ते ही बारूद की बात करने लगता है! लेकिन हर बार हिंदुस्तान आतंकी बातों को दरकिनार कर, खेल को तरजीह दी! इसके बावजूद खेल के साथ पाकिस्तानी खूनी खेल भी खेलता रहा! वो भी तब, जबकि पाकिस्तान अच्छी तरह जानता है कि उसका क्रिकेट, हिंदुस्तान की बदौलत चल रहा है!
इसके बावजूद पाकिस्तान, हिंदुस्तान की पीठ पर प्रहार करता है! आतंकी हमला करता है! घाटी में खून-खराबा कर रहा है! लेकिन समूचा हिंदुस्तान सिर्फ प्रतिकार मांग रहा है! अब जबकि 24 अक्टूबर को टी-ट्वेंटी वर्ल्ड कप में भारत और पाकिस्तान के बीच मैच होना है, तब तिरंगे में लिपटे शहीदों के देखकर समूचा हिंदुस्तान खूनी खेल खेलने वाले पाकिस्तान को क्रिकेट से दूर करने की मांग कर रहा है! एक आवाज़ में कह रहा है कि पहले लेंगे कुर्बानी का बदला…फिर चले मैदान पर बल्ला!


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