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- ग्लोबल वार्मिंग पर...
विश्व में कोरोना महामारी के बाद अगली चुनौती ग्लोबल वॉर्मिंग को लेकर है। इस दिशा में ब्रिटेन के शहर ग्लासगो में भारत के प्रधानमंत्री ने शिखर सम्मेलन के दौरान कहा कि ग्लोबल वार्मिंग दुनिया के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि विकासशील देश ग्लोबल वॉर्मिंग से ज्यादा प्रभावित हैं। जलवायु सम्मेलन में कहा गया है कि भारत ने साल 2070 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। दुनिया के सबसे बड़े ऊर्जा संगठन इंटरनेशनल एनर्जी फोरम ने इसकी सराहना भी की। यह देश के लिए एक बड़ी चुनौती है। अब दूसरी तरफ एक रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन महामारी के पूर्व के स्तर तक पहुंचने के करीब है। दरअसल कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान लगाई गई पाबंदियों के चलते वैश्विक कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आई थी, लेकिन अब ये दोबारा बढ़ना शुरू हो गया है और इस वर्ष इसके महामारी से पूर्व के स्तर के करीब पहुंचने की आशंका है। एक अहम रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। यह रिपोर्ट ऐसे वक्त में सामने आई है जब दुनिया भर के नेताओं ने सीओपी26 वार्ता (जलवायु सम्मेलन) के लिए ग्लासगो में बैठक की है जिसका मकसद ग्लोबल वॉर्मिंग के खतरे से निपटने के लिए प्रभावी रणनीति तैयार करना और उस पर अमल करना है