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- अब भी निशाने पर

कर्नाटक का 21 वर्षीय मेडिकल छात्र नवीन शेखरप्पा रूसी युद्ध का शिकार हो गया। रूसी सेना की गोली उसे लील गई। वह खारकीव में गवर्नर हाउस के पास फूड पैकेट लेने गया था और लाइन में खड़ा था। उसके छात्र-साथी खाने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे। दोस्ती भारत और रूस के बीच होगी! बर्बर सैनिक उसकी नाजुकता और गंभीरता को क्या समझें! रूसी गोली नवीन का लगी और वहीं उसकी जि़ंदगी की सांसें थम गईं। डॉक्टर बनने और जन-सेवा का एक संचित सपना पल भर मंे ही समाप्त हो गया। यकीनन बेहद खौफनाक और त्रासद घटना है। नवीन के माता-पिता, परिजनों से लेकर देश के प्रधानमंत्री और कैबिनेट तक क्षुब्ध और शोकाकुल हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने नवीन के पिता से फोन पर बात कर ढाढस बंधाने की कोशिश की है। रूस से बहुत बड़ा मोहभंग हुआ है। अब भी करीब 4000 भारतीय छात्र और अन्य पेशेवर यूक्रेन के बड़े शहरों में मौजूद हैं। राजधानी कीव से लगभग सभी भारतीय अपेक्षाकृत सुरक्षित शहरों तक जा चुके हैं। रूस भारत का भरोसेमंद दोस्त रहा है। वह कुछ घंटों के लिए युद्ध को रोक सकता था और रूस के सीमावर्ती शहरों से भारतीय छात्रों और नागरिकों को सुरक्षित निकाल सकता था। यूक्रेन का दूसरा सबसे बड़ा और महत्त्वपूर्ण शहर खारकीव रूस की सीमा के बेहद करीब है और रक्षा, विज्ञान, उद्योग और शिक्षा का अंतरराष्ट्रीय गढ़ है। प्रधानमंत्री मोदी एक बार फिर रूस के राष्ट्रपति पुतिन से संवाद कर हमारे युवा और विलक्षण छात्रों और नागरिकों के लिए सुरक्षित रास्ता बनाने का आग्रह कर सकते थे।
क्रेडिट बाय दिव्याहिमाचल
