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अफगानिस्तान में अमेरिकी फौज की वापसी के बाद बढ़ते तालिबानी हमले की वजह से कई हिंसाग्रस्त इलाकों से भारतीय राजनयिकों और सुरक्षा बलों को निकाला जा रहा है।
अफगानिस्तान में अमेरिकी फौज की वापसी के बाद बढ़ते तालिबानी हमले की वजह से कई हिंसाग्रस्त इलाकों से भारतीय राजनयिकों और सुरक्षा बलों को निकाला जा रहा है। पिछले कुछ दिनों में तालिबान लड़ाकों ने अफगानिस्तान के कई शहरों पर कब्जा कर लिया है और वहां शरियत कानून लागू कर दिया है। तालिबान की बढ़ती ताकत से अफगानिस्तान में हालात बदतर होते जा रहे हैं।
इस बीच अफगानिस्तान के चौथे सबसे बड़े शहर मजार ए शरीफ के ज्यादातर हिस्सों पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत सरकार ने अपने नागरिकों से शहर छोड़ने को कहा है। मजार ए शरीफ में मौजूद भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया पर कहा कि मंगलवार शाम को मजार ए शरीफ से एक विशेष विमान दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली है। जो भी भारतीय नागरिक शहर में हैं, वे भारत लौटने के लिए इस विमान में सवार हो सकते हैं। इसके लिए उन्हें वॉट्सऐप पर अपने पासपोर्ट की जानकारी भेजने को कहा गया था।
भारत सरकार मजार ए शरीफ के वाणिज्य दूतावास में काम करने वाले ज्यादातर कर्मचारियों को भी वापस बुला रही है। एक महीने में ऐसा दूसरी बार हो रहा है, जब अफगानी दूतावास से भारतीय राजनयिकों को बुलाना पड़ा है। इससे पहले 11 जुलाई को कंधार दूतावास से राजनयिकों को बुला लिया गया था। सरकार ने उस समय कहा था कि दूतावास बंद नहीं किया जा रहा है, लेकिन स्टाफ को कम कर दिया गया है। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल देश के दूसरे हिस्सों के मुकाबले सुरक्षित है, लेकिन पिछले बुधवार को काबुल में तालिबान के आत्मघाती लड़ाकों ने रक्षा मंत्री के घर को निशाना बनाया था।
Triveni
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