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- भारतीय अति गरीब
विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, जो व्यक्ति हर रोज 2.15 डॉलर कमाता है, वह गरीब है। डॉलर की दुनिया में यह गरीबी का औसत पैमाना हो सकता है। चूंकि भारत का रुपया, डॉलर की तुलना में, बहुत कमजोर है, लिहाजा हम गरीबी के इस मानदंड को स्वीकार नहीं कर सकते। भारत की गरीबी इससे भी बदतर स्थिति में है। यदि औसत नागरिक की खरीद-क्षमता को आधार बनाया जाए, तो भारत के संदर्भ में गरीब की औसतन आय 53-54 रुपए रोजाना आंकी जा सकती है। देश में जो लोग गरीबी-रेखा के नीचे हैं या गरीब किसान हैं, उनकी आय तो इससे भी कम है। यानी भारत का एक मोटा हिस्सा आज भी गरीब है। गांवों में करीब 26-28 फीसदी आबादी गरीब है। भारत सरकार का ही मानना है कि 2018-19 के दौरान किसान की खेती से रोजाना की औसत आय मात्र 27 रुपए थी। यदि आय विश्व बैंक के मानदंड के करीब भी पहुंच गई होगी, तो भी किसान गरीब रहेगा। हैरान करने वाला तथ्य यह है कि भारत सरकार ने सार्वजनिक रूप से गरीबी और औसत आय का डाटा आज तक देश से साझा नहीं किया है।
सोर्स- divyahimachal