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- भारतीय मानक समय:...
सुषमा गजापुरे 'सुदिव'.जैसा कि हम जानते हैं, हमारे शरीर की जैविक घड़ियां मानव द्वारा बनाए गए समय के मानकों से नहीं बंधी होती हैं। दरअसल शरीर की जैविक घड़ियां प्राकृतिक सूर्योदय और सूर्यास्त से जुड़ी या बंधी होती हैं, न कि हमारे द्वारा स्थापित मानक समयों के द्वारा। विश्व के हर देश में स्थापित मानक-समय वहां के सूर्योदय और सूर्यास्त की वस्तु स्थिति से निर्धारित होते हैं। भारत में इस विषय में कई अपवाद हैं जो कि एक तरह से हमारे द्वारा स्थापित मान्यताओं को न केवल खारिज करते हैं, बल्कि हमारे लिए एक विषम स्थिति का निर्माण भी करते हैं। भारत जैसे बड़े देश में एक 'मानक-समय' का होना न केवल ऊर्जा का क्षय बल्कि कीमती संसाधनों की हानि और कहीं न कहीं हमारी सरकारों में वैज्ञानिक सोच की कमी को भी उजागर करता हैं। आइए, हम इस विषय को थोड़ा विस्तृत रूप से जानने का प्रयास करते हैं।