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- भारत ने कोरोना वायरस...
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने संविधान में निहित आदर्शों को सूत्र वाक्य की तरह सदैव याद रखने का आग्रह करते हुए जिस तरह उन तमाम चुनौतियों को वर्णन किया, जिनका देश ने पिछले एक वर्ष में सामना किया है, उनका संज्ञान लिया जाना चाहिए। यह इसलिए आवश्यक है, क्योंकि देश ने कोरोना वायरस से उपजी महामारी कोविड-19 के रूप में एक बड़े संकट का जिस प्रकार सफलतापूर्वक सामना किया, वह एक मिसाल है। राष्ट्रीय जीवन के साथ समूची अर्थव्यवस्था पर बहुत व्यापक असर डालने वाले इस गंभीर संकट का सामना करते हुए देश ने यह दिखाया कि वह बड़ी से बड़ी चुनौती से पार पाने में सक्षम है। इस क्षमता का दुनिया ने तो लोहा माना ही, बुरी नीयत वाले पड़ोसी देशों को भी यह सबक मिला कि अब भारत एक नए भारत के रूप में आकार ले रहा है। उभरते हुए भारत की बढ़ी हुई क्षमता यह भी बताती है कि करीब सात दशक पहले संविधान लागू करने अर्थात अपना भाग्य स्वयं संवारने का बीड़ा उठाने के बाद से राष्ट्र ने एक गणतंत्र के रूप में बहुत कुछ हासिल किया है और इस क्रम में स्वयं को कहीं अधिक समर्थ भी बनाया है। इसमें सभी का योगदान है और इस पर हर किसी को गर्व होना चाहिए। इसी के साथ देश के हर नागरिक का ध्यान इस पर केंद्रित होना चाहिए कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ हमारे लिए एक ऐतिहासिक पड़ाव कैसे बने?