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- अमेरिका से सीखे भारत!
जनता से रिश्ता वेबडेस्क।यह शीषर्क सभी को अटपटा लगेगा। इसलिए कि भक्त हो या अभक्त, भारत में फिलहाल सब क्योंकि अंधकार-झूठ के महाकाल में जीते हुए हैं
तो यह मोटा तथ्य भी बूझ नहीं पड़ेगा कि अमेरिका कैसे इतनी जल्दी झूठ के मायावी राष्ट्रपति से मुक्त हुआ? कैसे अमेरिका में सवा आठ करोड़ नागरिकों को इतनी जल्दी ज्ञान हो गया कि डोनाल्ड ट्रंप झूठा है, मनोविकारी-पागल है इसलिए अमेरिका को बचाएं! हां, छह जनवरी 2021 के दिन जब वाशिंगटन में संसद पर ट्रंप के गोरे भक्त हमला कर रहे थे तो उसी दिन अमेरिका के दक्षिणी-श्वेत बहुल कट्टर अनुदारवादी राज्य जार्जिया से दशकों बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के दो उम्मीदवारों बतौर सीनेटर चुनाव जीते। उसमें पहली बार एक अश्वेत था। ट्रंप के चहेते और उनके प्रचार-जादू के भरोसे चुनाव लड़ रहे दोनों कट्टरपंथी गोरे उम्मीदवार हारे। इससे सीनेट याकि वहां की राज्यसभा में डेमोक्रेटिक पार्टी का बहुमत बन गया है। मतलब नए राष्ट्रपति जो बाइडेन के लिए संसद से अपने एजेंडे पर काम करवाना अब आसान हो गया है। सोचें कितनी गजब बात जो अमेरिकी संसद के दोनों सदनों में अब डेमोक्रेटिक पार्टी का बहुमत है। जार्जिया जैसे गोरे-कट्टरपंथी राज्य में भी ट्रंप के खिलाफ हवा!