- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- भारत, पाक और संयुक्त...
आदित्य नारायण चोपड़ा: भारत-पाकिस्तान के बीच सम्बन्धों को सामान्य बनाने में 'संयुक्त अरब अमीरात' ने अपनी भूमिका स्वीकार करते हुए कहा कि उसका प्रयास है कि दोनों देशों के बीच राजनयिक सम्बन्ध इस स्तर के हो सकें जिससे दोनों के बीच बातचीत हो सके। संयुक्त अरब अमीरात के साथ भारत के सम्बन्ध गर्मजोशी के रहे हैं और पाकिस्तान के साथ भी इसके सम्बन्ध मधुर कहे जाते हैं। अतः एशिया महाद्वीप में शान्ति पूर्ण माहौल बनाने के अमीरात के प्रयासों को प्रशंसा योग्य ही कहा जायेगा। वैसे अमीरात एक मुस्लिम देश है मगर इसका प्रशासन उदारपंथी माना जाता है। इस देश में भारत व पाकिस्तान दोनों ही देशों के प्रवासी नागरिकों की संख्या अच्छी खासी है। लेकिन यह भी कम हैरत की बात नहीं है कि भारत और पाकिस्तान को अपने सम्बन्ध सुधारने के लिए किसी तीसरे देश की मध्यस्थता की जरूरत पड़ रही है क्योंकि 1947 में भारत को काट कर ही पाकिस्तान का निर्माण हुआ था। दोनों देशों की संस्कृति में भी कोई अंतर नहीं है सिवाय इसके कि पाकिस्तान मजहब के नाम पर तामीर किया गया और 1956 के बाद से इसने भारत के साथ दुश्मनी को अपना ईमान इस तरह बनाया कि यह इसके वजूद की शर्त का बनता गया। इसकी असली वजह पाकिस्तान में लोकतन्त्र का खात्मा होना रहा वरना हकीकत यह भी है कि जब अंग्रेजों की चालबाजी से पाकिस्तान वजूद में आ ही गया था तो दोनों मुल्कों के रहनुमा इस बात पर राजी थे कि इनके आपसी सम्बन्ध अमेरिका और कनाडा जैसे होने चाहिएं।