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- शहीदों की बदौलत आजाद...

भारत देश का इतिहास गौरवशाली रहा है, जो अपने अंदर कई संस्कृतियां समेटे हुए है। हमारा देश महान शूरवीरों, वीरांगनाओं की कर्मभूमि रहा है जिन्होंने देश की आन-बान-शान बनाए रखने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। हमारे देश में अनगिनत शहीदों की स्मृति के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर एक से अधिक शहीदी दिवस मनाए जाते हैं। हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों एवं क्रांतिकारी शहीद-ए-आजम भगत सिंह, सुखदेव सिंह और राजगुरु को अंग्रेजी हुकूमत ने अदालत की तय तारीख से एक दिन पहले 23 मार्च 1931 की शाम 7.00 बजे तीनों को एक साथ फांसी दे दी थी और उनके पार्थिव शरीरों को रिश्तेदारों को न देकर रातोंरात व्यास नदी में ले जाकर जला दिया गया था। महान क्रांतिकारियों ने मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए अभूतपूर्व साहस के साथ क्रांति की ऐसी मिसाल जलाई थी जिससे ब्रिटिश साम्राज्य की नींव को हिला कर रख दिया था। अमर शहीद भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को लायलपुर जिले में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है।
