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- India - China Border...
विजय क्रांति : लद्दाख के गलवन घाटी क्षेत्र में भारतीय और चीनी सेना के बीच हुई मुठभेड़ को एक साल हो गए। इस घटना ने भारत और चीन के रिश्तों में जितनी कड़वाहट घोली, उसकी बराबरी केवल 1962 में चीन के सैनिक हमले से ही की जा सकती है। रक्षा मामलों के इतिहासकार तो इसे आधुनिक सैनिक इतिहास की सबसे बर्बर घटनाओं में गिन रहे हैं। 15-16 जून, 2020 की रात भारतीय नियंत्रण वाले लद्दाख और चीनी कब्जे वाले अक्साई चिन के बीच पड़ने वाली गलवन घाटी में चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर अचानक हमला किया था, जिसमें 20 भारतीय जवान बलिदान हुए थे। जब यह हमला हुआ उस समय भारतीय सैनिक पूरी तरह निहत्थे थे और वे भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच बनी सहमति के तहत वहां से चीनी सैनिकों की वापसी का मुआयना करने आए थे। चीनी सैनिकों का जत्था पहले तो वापसी के लिए अपनी दिशा में चल दिया, लेकिन फिर अचानक ही पलटकर उसने कील लगी लोहे की छड़ों के साथ भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया। जब तक निहत्थे और हतप्रभ भारतीय सैनिक संभलते और उनके बचाव के लिए नई कुमुक आती, तब तक भारत के 20 सैनिक मारे जा चुके थे। जवाबी हमले में हमारे जवानों ने कम से कम 43 चीनी सैनिकों को मार गिराया। यह बात और है कि चीन ने अपने तीन सैनिकों के मारे जाने की बात स्वीकार की।