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- निजी बैंकों की बढ़ती...
सरकारी योजना में निजी बैंकों की कुछ भागीदारी पहले भी थी, लेकिन कोरोना के समय इसमें व्यवधान आया और अब फिर इसके लिए कवायद शुरू हो गई है। बुनियादी रूप से देखें, तो यह काम सरकार बैंकिंग सेवा की पहुंच बढ़ाने के लिए कर रही है। किसी भी बैंकिंग सेवा संस्थान का यह लक्ष्य होता है कि वह उन लोगों तक अपनी पहुंच बनाए, जो अभी उसकी सेवाओं से वंचित हैं। यह बहुत जरूरी है कि बैंकिंग सेवा ज्यादा से ज्यादा लोगों तक तार्किक लागत या कीमत के साथ पहुंचे। जब किसी अर्थव्यवस्था में ज्यादा से ज्यादा बैंक मुस्तैदी के साथ सक्रिय होंगे, तभी बैंकिंग सेवाओं का विस्तार होगा। बैंकों को न केवल जरूरतमंद लोगों, बल्कि अर्थव्यवस्था के जरूरतमंद सेक्टर तक भी पहुंचना है। इस संदर्भ में अगर देखें, तो निजी क्षेत्र के बैंकों के सरकारी योजनाओं में सक्रिय होने से बैंकों के बीच प्रतिस्पर्द्धा भी बढ़ेगी और सेवा तंत्र व तौर-तरीकों में भी सुधार होगा।