सम्पादकीय

पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम आम आदमी के लिए मुसीबत, कीमतों पर लगाम लगाने के जतन की जरूरत

Neha Dani
23 Feb 2021 1:43 AM GMT
पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम आम आदमी के लिए मुसीबत, कीमतों पर लगाम लगाने के जतन की जरूरत
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इस दिशा में बहुत काम किए जाने की आवश्यकता है।

पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए कुछ करने की जरूरत है, क्योंकि उनके बढ़ते दाम आम आदमी के लिए मुसीबत बन रहे हैं। पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर लगाम लगाने के जतन इसलिए किए जाने चाहिए, क्योंकि यह आशंका उभर आई है कि उनके चलते विकास की गति पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। एक ऐसे समय जब विकास कार्यों को गति देने की कोशिश की जा रही है, तब फिर यह देखा ही जाना चाहिए कि आखिर पेट्रोलियम पदार्थो में वृद्धि का सिलसिला कायम रहना कहां तक उचित है? इस मामले में केंद्र को भी सक्रिय होना चाहिए और राज्यों को भी। उनके बीच आरोप-प्रत्यारोप का कोई मतलब इसलिए नहीं, क्योंकि केंद्र हो या राज्य सरकारें, दोनों ही पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से लाभान्वित होती हैं। यदि राज्य सरकारें यह चाह रही हैं कि पेट्रोल-डीजल की मूल्य वृद्धि थामने के लिए केंद्र सरकार कुछ करे तो उन्हें भी अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार रहना चाहिए। यह अपेक्षा उचित नहीं कि केंद्र सरकार तो पेट्रोल-डीजल पर अपने टैक्स कम करे, लेकिन राज्य सरकारें कुछ न करें। उचित यह होगा कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर ऐसे उपाय करें, जिससे आम जनता को राहत मिले। यह सही है कि केंद्र और राज्यों के समक्ष राजस्व बढ़ाने की चुनौती है, लेकिन इसके लिए अन्य उपाय खोजे जाने चाहिए। पेट्रोलियम पदार्थो पर टैक्स के जरिये राजस्व जुटाने की एक सीमा होनी चाहिए।

पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़ते दामों पर अंकुश लगाने के फौरी उपायों के साथ कुछ दीर्घकालिक कदम भी उठाए जाने चाहिए। पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम करने के लिए बिजली से चलने वाले वाहनों और खासकर कारों का इस्तेमाल बढ़ाना एक ऐसा विचार है, जिसके अमल का समय आ गया है, लेकिन यह आनन-फानन नहीं हो सकता। बिजली चलित वाहनों का इस्तेमाल तेजी के साथ बढ़े, इसके लिए केंद्र की तरह राज्यों को भी प्रोत्साहन देना चाहिए। ऐसे वाहनों का इस्तेमाल तब बढ़ेगा, जब अपेक्षित संख्या में वाहन उपलब्ध होने के साथ उनके लिए उपयुक्त सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। यह काम प्राथमिकता के आधार पर किया जाए तो अगले पांच-छह सालों में पेट्रोल-डीजल पर एक बड़ी हद तक निर्भरता कम की जा सकती है। इससे वायु प्रदूषण पर भी लगाम लगाने में मदद मिलेगी। आयातित पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम करने के लिए वैकल्पिक ऊर्जा पर भी ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। यह ठीक नहीं कि भारत अपनी ऊर्जा जरूरत का एक बड़ा हिस्सा आयात करता रहे। हालांकि सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा जैसे स्वच्छ ऊर्जा स्त्रोतों के दोहन के उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन अभी इस दिशा में बहुत काम किए जाने की आवश्यकता है।


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