सम्पादकीय

नव वर्ष में सभी को देश के सामने आई चुनौतियों के सामने दिखानी होगी एकजुटता

Gulabi
1 Jan 2022 1:51 PM GMT
नव वर्ष में सभी को देश के सामने आई चुनौतियों के सामने दिखानी होगी एकजुटता
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नए वर्ष का आगमन एक ऐसे समय हो रहा है, जब कोरोना संकट का साया घना होता जा रहा है
नए वर्ष का आगमन एक ऐसे समय हो रहा है, जब कोरोना संकट का साया घना होता जा रहा है। इसने देश और दुनिया की चुनौतियां एक बार फिर से बढ़ा दी हैं, लेकिन हमें न केवल कोरोना संक्रमण जनित चुनौतियों का सामना मिलकर करना होगा, बल्कि समाज और राष्ट्र जीवन की अन्य छोटी-बड़ी चुनौतियों का भी। जब चुनौतियां गंभीर हों, तब उनसे लड़ने की संकल्पशक्ति को बल देने की आवश्यकता बढ़ जाती है। वर्तमान समय एक ऐसा ही क्षण है। इस अवसर पर राष्ट्र की साझा संकल्पशक्ति का प्रदर्शन भी होना चाहिए और उसका परिचय भी दिया जाना चाहिए।
नि:संदेह इसकी अगुआई हमारे राजनीतिक नेतृत्व को करनी होगी, लेकिन उसमें आम जनता की भी सक्रिय भागीदारी करनी होगी। वास्तव में सक्रिय भागीदारी न केवल होनी चाहिए, बल्कि दिखनी भी चाहिए, ताकि दुनिया को यह संदेश और स्पष्टता से जाए कि भारत का समय आ गया है। ऐसा तभी होगा, जब राष्ट्रीय महत्व के प्रश्नों पर जहां राजनीतिक दलों को दलगत हितों से ऊपर उठना होगा, वहीं आम आदमी को भी अपने हिस्से की जिम्मेदारी का निर्वहन करने के लिए सजग रहना होगा। इसलिए और रहना होगा, क्योंकि चुनौतियां देश के अंदर से भी हैं और बाहर से भी। ऐसे चुनौतीपूर्ण समय राष्ट्रीय एकजुटता के भाव को और बल देना समय की मांग है.
2022 के आगमन के साथ ही देश अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे करने जा रहा है। यह उपलब्धियों भरा सफर रहा। अब हमारा लक्ष्य अगले 25 वर्षो में देश को सचमुच एक महाशक्ति बनाने अर्थात एक नए भारत के निर्माण का होना चाहिए। इसके लिए यह भी आवश्यक है कि लोक महत्व के विषयों पर कहीं अधिक सार्थक चर्चा हो और संवाद एवं विमर्श का हमारा स्तर समृद्ध हो। अभी वह कोलाहल, व्यर्थ के आरोप-प्रत्यारोप और दूषित चिंतन से ग्रस्त है। हम सबकी कोशिश होनी चाहिए कि नए वर्ष पर जीवन के हर क्षेत्र में सकारात्मकता के साथ एक नई शुरुआत हो और समरसता एवं सद्भाव हमारी शक्ति बने।
नए वर्ष का आगमन केवल परिवर्तन की आशा का संचार ही नहीं करता, बल्कि सर्वत्र शुभ होने की आस भी जगाता है और इसी कारण उसका स्वागत हर्ष एवं उल्लास से किया जाता है। इस बार भी ऐसा ही किया जाना चाहिए, लेकिन सावधानी के साथ, क्योंकि कोरोना वायरस के बदले हुए प्रतिरूप फिर समस्या बन रहे हैं। स्पष्ट है कि उन तौर-तरीकों को लेकर फिर से सचेत होने की आवश्यकता है, जो संक्रमण से बचे रहने में सहायक हैं। वर्ष 2022 हम भारत के लोगों को हर तरह की चुनौतियों का सामना करने की और अधिक सामर्थ्‍य प्रदान करे, इस कामना के साथ नूतन वर्ष का अभिनंदन।
दैनिक जागरण
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