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सम्पादकीय
लोगों की नजर में सुदृढ़ कानून एवं व्यवस्था योगी सरकार की सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरी
Gulabi Jagat
25 March 2022 12:20 PM GMT
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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को 2024 के लोकसभा चुनाव की दिशा तय करने वाला माना जा रहा था
प्रो पूनम कुमारी। जब पूरा विश्ïव कोरोना महामारी से जूझ रहा था, तब आस्ट्रेलिया के एक सांसद क्रेग केली ने कहा था कि क्या कोई ऐसा रास्ता है, जिससे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुछ दिनों के लिए उन्हें मिल जाएं, ताकि उनका देश कोरोना संकट से उबर सके। इसके पीछे कारण था योगी आदित्यनाथ का कुशल कोरोना प्रबंधन। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कोरोना पर काबू पाने के मामले में योगी सरकार के कुशल प्रबंधन की सराहना की थी। ध्यान रहे कि कोरोना पाजिटिव होने के बावजूद योगी आदित्यनाथ कोरोना प्रबंधन में जुटे रहे। उन्होंने प्रदेश भर का दौरा भी किया। वास्तव में इसी कारण चुनावों के समय विपक्ष का यह आरोप असरहीन रहा कि कोरोना संकट के दौरान योगी सरकार कुछ नहीं कर पाई। शायद जनता ने योगी सरकार के पांच साल के कार्यकाल का मूल्यांकन करते हुए यह भी समझा कि सरकार के दो साल तो कोरोना की भेंट चढ़ गए।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को 2024 के लोकसभा चुनाव की दिशा तय करने वाला माना जा रहा था। कई राजनीतिक पंडितों और पत्रकारों की अटकलों के बीच भाजपा नेतृत्व अपनी जीत को लेकर आशवस्त था। ऐसा हुआ भी और योगी आदित्यनाथ 37 सालों में पहले ऐसे मुख्यमंत्री बने, जो पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद फिर सत्ता की बागडोर संभालने जा रहे है। योगी आदित्यनाथ सरकार की वापसी में मुफ्त राशन, कानून व्यवस्था के साथ अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं भी सहायक बनीं। उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में रहने वाले यहां के लोग भी योगी सरकार के कामकाज से संतुष्ट थे।
लोगों की नजर में सुदृढ़ कानून व्यवस्था सरकार की सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरी, जो पिछली सरकारों में लचर थी। आम तौर पर लोगों का यही कहना था कि योगी सरकार में हर तरह के माफिया का आतंक कम हुआ है। राजस्व विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 15 अगस्त 2021 तक 62423.89 हेक्टेयर जमीन को भूमाफिया से मुक्त कराया गया। 144 नए थानों और 50 पुलिस चौकियों की स्थापना के साथ ही 1.38 लाख पुलिस कर्मियों की नियुक्ति की गई। लखनऊ में पुलिस फोरेंसिक विज्ञान संस्थान की नींव रखी गई, साइबर सेल की स्थापना की गई। इसके अलावा ई-प्रॉक्सीक्यूशन प्रणाली और विधि विज्ञान प्रयोगशाला बनाने जैसे कदमों ने कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई।
चुनाव के दौरान महिलाओं से बातचीत में हमारी टीम ने पाया कि महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में योगी सरकार ने कुछ ऐसे बुनियादी काम किए, जिन्होंने उनमें आत्मविश्वास जगाया। प्रधानमंत्री आवास योजना में मिले आवासों का पंजीकरण महिला के नाम से किया गया। उज्जवला योजना में गैस चूल्हा-सिलिंडर वितरण, शौचालय निर्माण और तीन तलाक-कानून को यूपी में तन्मयता से लागू किया गया। राज्य सरकार की मुख्यमंत्री सुमंगला योजना, बैंकिंग सखी योजना, मिशन शक्ति, पिंक पेट्रोलिंग, पिंक बस, एंटी रोमियो स्कवाड, कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए मुखबिर योजना के साथ ही मुफ्त राशन वितरण जैसे कदमों ने मोदी और योगी को महिलाओं का मसीहा बना दिया। महिलाओं ने जाति, समुदाय और पार्टी लाइन से हटकर भाजपा को वोट दिया।
कई राजनीतिक विशेषज्ञ यह मान रहे थे कि कृषि कानून विरोधी आंदोलन के चलते भाजपा को नुकसान होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि गन्ना मूल्य का त्वरित भुगतान हो या एमएसपी पर फसलों की खरीद, योगी सरकार ने उल्लेखनीय कार्य किए। किसानों के लिए एमएसपी पर जितनी खरीद योगी सरकार ने की, उतनी प्रदेश के इतिहास में पहले कभी नहीं हुई। हमारी टीम ने पाया कि ईज आफ डूइंग बिजनेस में यूपी की बड़ी छलांग ने युवाओं को आकर्षित किया। ब्रह्मïोस मिसाइल से लेकर रक्षा उपकरणों की विदेशी निर्माता कंपनियों के निवेश, नए-नए एयरपोर्ट, एक्सप्रेसवे, डिफेंस कारिडोर और तकनीक से संबंधित नए निवेश और 'एक जनपद एक उत्पादÓ योजना ने युवाओं में रोजगार सृजन का विश्वास जगाया।
शिक्षा की बात करें तो 2017 से पहले यूपी से 10वीं-12वीं पास करने वाले विद्यार्थियों को शक की निगाह से देखा जाता था, क्योंकि नकल माफिया सक्रिय था। मीडिया में रिपोर्ट आती थीं कि उत्तर प्रदेश में पांचवी कक्षा तक के लगभग आधे बच्चे गणित के बुनियादी सवालों को भी हल नहीं कर पाते। योगी सरकार ने तकनीक का सहारा लिया और स्कूली बच्चों की समझ के स्तर के आधार पर उनके अलग-अलग समूह बनाए गए। उन समूहों को प्रत्येक दिन दो-दो घंटे विशेष पर्यवेक्षण में रखा गया। अगस्त-सितंबर 2018 में शुरू की गई इस पहल में एक लाख 13 हजार स्कूलों में ऐसे दो लाख 30 हजार समूह बनाए गए। तीन महीनों में इन बच्चों के ज्ञान और समझ में 22 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। सर्वाधिक लाभ दलित और अति पिछड़ी जातियों के बच्चों को हुआ। यह आंकड़ा गरीबी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोध कार्य कर रही संस्था अब्दुल लतीफ जमील पावर्टी एक्शन लैब (जे-पाल) का है। हमारी टीम ने लोगों को यह भी कहते पाया कि जब नेता अपने परिवार का हित साधने में लगे रहते हैं, तब योगी सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं।
(लेखिका जेएनयू के भाषा,साहित्य और संस्कृति संस्थान में प्राध्यापिका हैं)
Gulabi Jagat
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