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इस धनतेरस हमने ज्वेलरी का बाजार चढ़ते देखा। ज्वेलरी की होम डिलिवरी पुरानी बात हो गई
एन. रघुरामन इस धनतेरस हमने ज्वेलरी का बाजार चढ़ते देखा। ज्वेलरी की होम डिलिवरी पुरानी बात हो गई। यह पिछले साल शुरू हुई थी और आज ऑनलाइन शॉपिंग का मुकाबला करने के लिए ज्यादातर ज्वेलर्स यह सुविधा दे रहे हैं। अब इन्हीं ज्वेलर्स में कार भेजकर ग्राहकों को दुकान लाने और फिर खरीदारी के बाद हथियारबंद गार्ड्स के साथ वापस घर छोड़ने का चलन बढ़ा है।
यह स्वाभाविक है क्योंकि कोविड-19 के कारण पिछले साल उनकी कोई कमाई नहीं हुई। यह जानना सुखद है कि ज्वेलर्स को इस साल करोड़ों के बिजनेस का विश्वास है। ज्यादातर ज्वेलर्स ने पिछले 19 महीनों में अपने डेटाबेस (ग्राहकों की जानकारी) को कई बार जांचा और ग्राहकों की खरीद क्षमता, 100 रुपए से लाखों तक, के अनुसार जमाया है। पुराने ग्राहकों को सीधे बेचने के इस नए तरीके ने उनमें इस साल बिक्री का आत्मविश्वास बढ़ाया है।
मैं चमकदार धातुओं के व्यापारियों को शुभकामनाएं देता हूं, साथ ही सावधान भी करना चाहता हूं कि उन्हें अपने डेटाबेस की वैसे ही सुरक्षा करनी चाहिए, जैसे गहनों की करते हैं। दो दिन पहले, लंदन की ज्वेलरी कंपनी 'ग्राफ' ने सायबर अटैक का सामना किया। राजघरानों से लेकर हॉलीवुड सितारों तक, कंपनी के ग्राहक सिर्फ दुनिया के अमीर ही हैं। इस हमले को 'कॉन्टी' नामक सायबर हमलावरों ने अंजाम दिया, जो शायद रूस से हैं।
वे पहले ही कुछ जानकारी डार्क वेब पर डालने लगे हैं, जिसमें डोनाल्ड ट्रम्प, ओपरा विनफ्रे, टॉम हैंक्स, सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन रशीद अल मख्तूम जैसी शख्सियतों की जानकारी शामिल है। सिर्फ यही नहीं, कुछ कम मशहूर लोगों की जानकारी भी लीक हुई है, जो अमीर हैं। इसमें 32 अरब डॉलर दान कर चुके, दुनिया के अग्रणी दानदाताओं में से एक जॉर्ज सोरोस, ऊर्जा और एल्यूमिनियम बिजनेस के लिए मशहूर, ब्रिटेन के सबसे अमीर व्यक्ति सर लेन ब्लावतनिक (64) जैसे लोग शामिल हैं।
खबर है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने पत्नी के लिए ग्राफ से 15 कैरेट की सगाई की अंगूठी खरीदी थी, जिसकी कीमत 10 लाख पाउंड थी और शादी की दसवीं सालगिरह पर 26 लाख पाउंड की 25 कैरेट अंगूठी खरीदी थी। अब कॉन्टी का दावा है कि उसने जो गुप्त जानकारी लीक की है, उसमें ग्राफ के सिर्फ 11,000 ग्राहक शामिल हैं, जो कि चुराई हुई फाइल्स का सिर्फ 1% है!
हालांकि कंपनी प्रवक्ता ने गारंटी दी है कि उनके ज्यादातर ग्राहकों का डेटा नहीं खोया है। वर्ष 1960 में स्थापित 'ग्राफ' के संस्थापक 3.2 अरब पाउंड के मालिक लॉरेंस ग्राफ हैं, जिनके दुनियाभर में करीब 50 स्टोर हैं। हैकर्स ने फिरौती मांगी है, जिसकी रकम का खुलासा नहीं हुआ है। ग्राफ ने तुरंत हरकत में आते हुए अपने सारे नेटवर्क बंद कर दिए और उन्हें विश्वास है कि कुछ दिनों में सब दोबारा शुरू हो जाएगा।
अपराधी फिरौती के लिए ऐसा हमला अक्सर तब कर पाते हैं, जब संस्थान का कोई कर्मचारी ईमेल में आई धोखाधड़ी वाली लिंक पर अनजाने में क्लिक कर देता है, जिससे हैकर संस्थान के ऑनलाइन सिस्टम में घुस जाते हैं। इससे अपराधियों को घातक सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने का मौका मिल जाता है, जो उनके सिस्टम की सभी फाइलों को पढ़कर लॉक कर देता है। फंडा यह है कि आने वाले दिनों में ग्राहक सिर्फ उन बिजनेस पर भरोसा करेंगे जो संग्रहित डेटा की भी सुरक्षा कर पाएं। आसान शब्दों में, आज बंदूकधारियों से ज्यादा जरूरत कंप्यूटर में मजबूत फायरवॉल (साइबर हमलों से बचाने वाला सॉफ्टवेयर) की जरूरत है।
Rani Sahu
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