सम्पादकीय

नूपुर शर्मा प्रकरण में पाकिस्‍तान ने सुनियोजित दुष्प्रचार अभियान छेड़ा, सऊदी से अमेरिका तक हजारों लोग थे शामिल

Gulabi Jagat
13 Jun 2022 3:33 PM GMT
नूपुर शर्मा प्रकरण में पाकिस्‍तान ने सुनियोजित दुष्प्रचार अभियान छेड़ा, सऊदी से अमेरिका तक हजारों लोग थे शामिल
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सऊदी से अमेरिका तक हजारों लोग थे शामिल
यह तथ्य सामने आने पर किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए कि नूपुर शर्मा प्रकरण पर पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ बड़े पैमाने पर दुष्प्रचार अभियान छेड़ा और उसके चलते ही इस्लामी देशों में वह माहौल बना, जिसके कारण हमारे राजदूतों को तलब कर नाराजगी प्रकट की गई। यह दुष्प्रचार अभियान कितने बड़े पैमाने पर चला, इसका पता डिजिटल फोरेंसिक रिसर्च एंड एनालिसिस सेंटर की ओर से की गई खोजबीन से चलता है। इस सेंटर के अनुसार, अकेले ट्विटर पर सात हजार से अधिक पाकिस्तानी भारत के खिलाफ माहौल बनाने में जुटे हुए थे।
ये पाकिस्तानी पैगंबर मोहम्मद साहब पर भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की अवांछित टिप्पणी को न केवल तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे थे, बल्कि नितांत आधारहीन और सर्वथा झूठी जानकारी भी फैला रहे थे। इस दुष्प्रचार अभियान में सऊदी अरब के 3000, मिस्र के 1400 और अमेरिका एवं कुवैत के 1000 से अधिक लोग भी शामिल थे। सबसे अधिक चौंकाने और चिंतित करने वाला तथ्य यह है कि भारत को बदनाम करने और मुस्लिम देशों में भारतीय वस्तुओं का बहिष्कार करने के इस सुनियोजित और शरारती अभियान में करीब ढाई हजार भारतीय भी शामिल थे। इसका अनुमान सहज लगाया जा सकता है कि इसी तरह का अभियान अन्य इंटरनेट साइट पर भी चला होगा और उसमें भी भारतीय शामिल होंगे।
क्या इससे अधिक चिंता की बात हो सकती है कि भारत के लोग भी देश के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान में भागीदार बनें? यह ठीक है कि देश के बाहर सक्रिय भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कुछ विशेष नहीं किया जा सकता, लेकिन उन्हें उकसाने और उनके साथ मिलकर देश की प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचाने वाले भारतीयों की पहचान कर उनके खिलाफ तो कार्रवाई की ही जा सकती है। भारत सरकार को इंटरनेट आधारित सूचना युद्ध का सामना करने के लिए न केवल कमर कसनी होगी, बल्कि ट्विटर और फेसबुक जैसे प्लेटफार्म को चेताना होगा कि यदि उन्हें भारत में रहकर अपना कारोबार करना है तो भारत विरोधी तत्वों को संरक्षण देना बंद करना होगा।क्या यह विचित्र नहीं कि ट्विटर की मनमानी पर अभी तक कोई लगाम नहीं लग सका है? इस प्लेटफार्म पर आए दिन आपत्तिजनक, अवांछित और अश्लील हैशटैग ट्रेंड होते रहते हैं। इसी तरह वह मनमाने तरीके से लोगों के अकाउंट निलंबित या प्रतिबंधित करता रहता है। कई बार तो इसका कोई कारण भी नहीं बताता। सरकार और उसकी एजेंसियों को इसलिए चेतना होगा, क्योंकि जैसा दुष्प्रचार अभियान नूपुर शर्मा प्रकरण में छेड़ा गया, वैसा ही नागरिकता संशोधन कानून को लेकर छेड़ा गया था और फिर उसके बाद तथाकथित किसान आंदोलन के दौरान भी।


दैनिक जागरण के सौजन्य से सम्पादकीय
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