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- भाईचारे के हक में
सर्वोच्च न्यायालय ने कल दो अलग-अलग मामलों में यह बिल्कुल साफ कर दिया कि देश के सांप्रदायिक भाईचारे से खिलवाड़ करने की छूट किसी को नहीं दी जाएगी और इसके लिए शीर्ष अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से बच नहीं सकते। आला अदालत ने जहां रामनवमी के दिन विभिन्न राज्यों में हुई सांप्रदायिक हिंसा की वारदातों की न्यायिक जांच की मांग करने वाली याचिका को 'अगंभीर' मानते हुए खारिज कर दिया, तो वहीं एक अन्य मामले में रुड़की धर्म-संसद के संदर्भ में 'हेट स्पीच' को लेकर उत्तराखंड सरकार को आगाह करते हुए मुख्य सचिव की जवाबदेही तय करने की हिदायत भी दे डाली। यही नहीं, हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में हुई धर्म-संसद में वैधानिक दिशा-निर्देशों के कथित उल्लंघन को लेकर उसने राज्य सरकार से जवाब-तलब भी किया है। आरोप है कि ऊना जिले के मुबारकपुर गांव में हाल में आयोजित धर्म-संसद में उन्हीं लोगों ने फिर से सांप्रदायिक विष-वमन किया, जो हरिद्वार धर्म-संसद में आपत्तिजनक बयानबाजी के लिए गिरफ्तार हुए थे और फिलहाल जमानत पर हैं
क्रेडिट बाय हिन्दुस्तान