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- इमरान की डोलती कुर्सी
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान विश्व चैंपियन क्रिकेटर रहे हैं। उन्होंने देश की क्रिकेट टीम को विश्व विजेता बनाया था, लेकिन अब वह लंबा अतीत हो चुका है। आज इमरान सियासत की कमज़ोर विकेट पर हैं, लिहाजा कभी भी आउट हो सकते हैं। इमरान प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दें या अविश्वास प्रस्ताव के जरिए उन्हें बाहर जाना पड़े अथवा कोई अन्य सियासी मजबूरी हो, इमरान की हुकूमत का जाना लगभग तय है। हम सांसदों के बदलते समीकरण और आंकड़ों को भी महत्त्व नहीं दे रहे हैं, क्योंकि पाकिस्तान में पालाबदल बेहद आसान है। ज्यादातर सियासतदान की कोई प्रतिबद्धता नहीं है, लिहाजा पाकिस्तान में जम्हूरियत सिर्फ नाम की है। अभी तक एक भी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है। उसकी हुकूमत का तख्तापलट किया गया अथवा सेना के अघोषित आदेश पर उसे इस्तीफा देने को बाध्य किया गया। इमरान पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री हैं और उनकी विदाई भी बगावत तथा विपक्षी लामबंदी के साथ होती दिख रही है। पाकिस्तान के जो अंदरूनी और अंतरराष्ट्रीय हालात हैं, वे तब भी थे, जब 2018 के चुनाव में इमरान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी। जनादेश का बुनियादी रुझान पीटीआई के पक्ष में था। हालांकि पार्टी बहुमत के आंकड़े से कुछ पीछे रह गई थी। बेशक पाकिस्तान के आंतरिक, आर्थिक और विदेशी हालात बेहद खराब हैं। एक अमरीकी डॉलर पाकिस्तान के 177 रुपए के बराबर है। विशेषज्ञों का मानना है कि रुपए का यह अवमूल्यन 200 रुपए के पार जा सकता है।
क्रेडिट बाय दिव्यहिमाचल