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- विज्ञान पर असर

रूस-यूक्रेन युद्ध का असर विज्ञान पर भी दिखने लगा है। जहां तक इन दोनों देशों की बात है, तो वैज्ञानिक शोध लगभग थम गया है। पहले व दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भी सकारात्मक शोध लगभग थम गया था और अच्छे वैज्ञानिक भी अपनी-अपनी सरकारों की सैन्य सेवा में लग गए थे। ऐसे वैज्ञानिकों की फेहरिस्त लंबी है, जो युद्ध के साजो-सामान बनाने में जुटे थे। हिटलर ने विज्ञान व वैज्ञानिकों का भयानक दुरुपयोग किया था। अब रूस-यूक्रेन युद्ध के बढ़ने पर विश्व की तमाम सैन्य-शक्तियों व महाशक्तियों का ध्यान नकारात्मक गतिविधियों की ओर ज्यादा जाए, तो कोई आश्चर्य नहीं। युद्ध शिक्षा को किस तरह से प्रभावित करता है, यह तो हम यूक्रेन से लौट रहे छात्रों की समस्या में देख ही रहे हैं। यूक्रेन के जो विश्वविद्यालय या वैज्ञानिक संस्थान शोध कार्य में लगे होंगे, उन्हें धनाभाव में भी काम रोकना पड़ेगा। कई रिपोर्टों से पता चलता है कि रूस में भी वैज्ञानिक बिरादरी सहमी व थमी हुई है।
क्रेडिट बाय हिन्दुस्तान
