सम्पादकीय

आईएमएफ की सलाह

Gulabi
5 Nov 2020 1:05 PM GMT
आईएमएफ की सलाह
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आईएमएफ ने जी-20 देशों को आगाह किया है कि कोरोना वायरस का संकट अभी समाप्त नहीं हुआ है,

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आईएमएफ ने जी-20 देशों को आगाह किया है कि कोरोना वायरस का संकट अभी समाप्त नहीं हुआ है, लिहाजा सरकारों को अपनी तरफ से किए जा रहे खर्चों में कमी लाने के बजाय उन्हें और बढ़ाकर लोगों का रोजगार बचाने की फिक्र करनी चाहिए। आईएमएफ के वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से यह सामयिक सलाह सोमवार को प्रकाशित एक ब्लॉग के रूप में आई, जिसका शीर्षक था- 'संकट समाप्त नहीं हुआ है, (समझदारी से) खर्च करना जारी रखें'। यह सलाह ऐसे समय आई है जब जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन की तैयारियां चल रही हैं। यह सम्मेलन 21 और 22 नवंबर को सऊदी अरब की राजधानी रियाध में होने वाला है।

जी-20 आज की तारीख में सही मायनों में पूरी दुनिया की नुमाइंदगी करने वाला सबसे ताकतवर ग्लोबल आर्थिक मंच है। 19 देशों और यूरोपीय यूनियन की सदस्यता वाले इस ग्रुप के देश संसार की दो तिहाई आबादी, 80 फीसदी व्यापार और 90 फीसदी जीडीपी को कवर कर लेते हैं। साफ है कि कोरोना जैसी वैश्विक चुनौती का सामना करने की किसी भी साझा रणनीति पर विचार करने और उसे अमल में लाने का इससे बेहतर कोई मंच नहीं हो सकता। महामारी और खासकर उससे उपजी आर्थिक चुनौतियों का सामना करने का जो मिला-जुला प्रयास अब तक दिखा है उसमें भी जी-20 की अहम भूमिका रही है। आईएमएफ के इस ब्लॉग में यह बात रेखांकित की गई है कि जी-20 देशों की अभूतपूर्व और त्वरित कार्रवाई ने संकट को और गहरा होने से रोका। इस संकट से निपटने की कोशिशों में वे अबतक 11 लाख करोड़ डॉलर झोंक चुके हैं। स्वाभाविक है कि इन देशों को भी अब अपने संसाधन कम पड़ते हुए लग रहे हैं। वित्तीय घाटे को एक सीमा से आगे न जाने देने का दबाव सारी ही सरकारों के हाथ बांध रहा है। लेकिन दूसरी तरफ कोरोना वायरस अभी तक काबू में आने का कोई संकेत नहीं दे रहा है। जिन देशों में प्रतिदिन आने वाले नए केसों की संख्या काफी कम हो गई थी, वहां भी इसकी दूसरी लहर आने की खबर है।

जाहिर है, फैक्ट्रियों की मशीनें पुरानी रफ्तार से चलने और काम-धंधों के पटरी पर लौटने की उम्मीद अगले दो-चार महीनों में नहीं की जा सकती। ऐसे में सबसे जरूरी बात यह है कि सरकारें समाज के कमजोर हिस्सों की जेब में पैसा पहुंचाते हुए जिंदा रहने की जद्दोजहद में उनकी मदद करें और छोटे कारोबारियों तथा कंपनियों की सहायता करके लोगों का रोजगार बचाने की कोशिश जारी रखें। आईएमएफ ने ठीक ही कहा है कि यह समय वित्तीय घाटे की चिंता को सबसे ऊपर रखने का नहीं है। उम्मीद की जाए कि सही समय पर आई इस सलाह की रोशनी में जी-20 देश दुनिया की साझा आर्थिक चुनौतियों से निपटने की उपयुक्त और एकीकृत रणनीति तैयार कर सकेंगे।

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