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- पुलिस की छवि: पीएम...
भूपेंद्र सिंघा। प्रशिक्षु पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पुलिस की छवि बदलने की जो जरूरत जताई, उस पर इन अधिकारियों के साथ-साथ अन्य पुलिस अफसरों और कर्मियों को भी गौर करना होगा, क्योंकि पूरे पुलिस बल के सहयोग से यह अभीष्ट काम हो सकेगा। आज इससे कोई इन्कार नहीं कर सकता कि इसकी सख्त जरूरत है कि भारतीय पुलिस अपनी नकारात्मक छवि से मुक्ति पाए। जब तक पुलिस इस छवि से मुक्त नहीं होती, तब तक वह जनता का भरोसा नहीं जीत सकती और जब तक ऐसा नहीं होता, तब तक वह समस्याओं से घिरी रहेगी और अपना काम सही तरह नहीं कर पाएगी। पुलिस किसी भी राज्य की हो, उसकी छवि जन हितैषी बल की नहीं है। आम आदमी अपनी समस्या-शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस के पास जाने से पहले सौ बार सोचता है, क्योंकि उसे यह आशंका रहती है कि उसकी बात सही तरीके से नहीं सुनी जाएगी और उसके साथ खराब व्यवहार हो सकता है। बात केवल आम आदमी के साथ पुलिस थानों में होने वाले व्यवहार की ही नहीं है। बात अन्य सार्वजनिक स्थलों पर पुलिस के आचरण की भी है और उसकी मानसिकता की भी। आम आदमी की नजर में पुलिस हमेशा लोगों पर रौब जमाने या फिर उन्हें डांटने-फटकारने वाली मुद्रा में रहती है।