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अगर आपने हाल ही में कोई ऐसी किताब खरीदी है, जिसका शीर्षक ‘आज खुश होने के सात या नौ उपाय’ हो तो उसे एक तरफ रख दीजिए
एन. रघुरामन का कॉलम:
अगर आपने हाल ही में कोई ऐसी किताब खरीदी है, जिसका शीर्षक 'आज खुश होने के सात या नौ उपाय' हो तो उसे एक तरफ रख दीजिए। बीते दो सालों से हममें से अधिकतर के लिए खुशी का मतलब कोविड से दूर रहना और एक अच्छा जूम कनेक्शन बनाए रखने के लिए इंटरनेट कंपनी को पहले ही पैसा चुकाना रहा है।
अब जब जीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है, तो महामारी से पहले वाले समय की मानसिक स्वास्थ्य, नौकरी का संतोष और सुखी जीवन के लिए परंपरागत और लम्बी बहसें फिर से ना केवल लौट आई हैं, बल्कि आज जीवन में क्या चुन रहे हैं, इसे भी प्रभावित कर रही हैं। हम कैसा काम करते हैं और किस शहर में रहते हैं, इस आधार पर हमने इस कोविड-काल में काम करने और जीवन में संतुलन बनाने का वैकल्पिक रास्ता बना लिया है। फिर भी मैं खुशी पाने के दस सफल, त्वरित और सरल उपाय बताना चाहूंगा।
1. थैंकफुल रहें : धन्यवाद का भाव हमें खुशी देता है। रिसर्च बताती हैं कि कृतज्ञता के भाव से भरने वाली तीन या पांच चीजों को महज़ लिखने से आप कुछ ही हफ्तों में कहीं बेहतर महसूस कर सकते हैं।
2. दूसरों का खयाल रखें : खुद से ज्यादा दूसरों की फिक्र से आप उदारता के कामों में ज्यादा शामिल हो सकते हैं, जिनसे खुशी मिलती है।
3. सामाजिक संपर्कों को लेकर प्रसन्न रहें : संभव हो तो रोज किसी नए व्यक्ति से बात करें। कम से कम हफ्ते में एक बार तो ऐसा जरूर करें। इसके अलावा किसी ऐसे के साथ हफ्ते में एक घंटा बिताएं जिसकी आप फिक्र करते हैं। इससे आपकी भावनाओं में बड़ा अंतर आएगा।
4. चिल करें : रिसर्च बताती हैं कि थोड़ा-सा ठंडा पानी पीने से अच्छा महसूस होता है, क्योंकि इससे एंडोर्फिन्स रिलीज होते हैं। इसी तरह ठंडा शॉवर लेने से स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल कम होता है। किसी के लिए यही काम गर्म पानी से स्नान करता है। ऐसे में अपनी पसंद से रोज उसे करें।
5. बाहर घूमें : प्रकृति से प्रेरित होने के लिए एक छोटी-सी वॉक लें। रिसर्च बताती हैं कि आठ हफ्तों तक रोज पंद्रह मिनट की वॉकिंग से हममें करुणा और अनुग्रह की भावना बलवती होती है।
6. थोड़ी गार्डनिंग करें : पौधे लगाने से उतना ही स्ट्रेस कम होता है, जितना आठ माइंडफुलनेस सत्र में शामिल होने से। अगर बागवानी का शौक नहीं, तो कोशिश करें, आपको धीरे-धीरे इससे प्यार हो जाएगा।
7. कसरत करें लेकिन आराम के साथ : रोज 20 मिनट कसरत के साथ ही हफ्ते में तीन दिन कम से कम सात घंटे सोना भी जरूरी है। सोने से पहले कैफीन, अल्कोहल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से बचें और आप कुछ ही हफ्तों में अपने ऊर्जा के स्तर में बदलाव पाएंगे।
8. अर्थपूर्ण चर्चाएं करें: एरिजोना यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान के प्राध्यापक मैथियास मेहल ने हाल ही में एक रिसर्च में बताया कि बातचीत का मूड पर क्या असर पड़ता है। उन्होंने पाया कि केवल गप्प करने वालों की तुलना में जो लोग अर्थपूर्ण चर्चाएं करते हैं, वे अधिक प्रसन्न रहते हैं। दो महीनों तक जितना हो सके, उतनी कम गॉसिप करें और अंतर देखें।
9. ध्यान करें: हार्वर्ड न्यूरोसाइंटिस्ट्स की रिसर्च के मुताबिक नियमित ध्यान करने से प्रीफ्रंटल कोर्टेक्स में बदलाव आते हैं। इसी की मदद से हमारे मस्तिष्क में सकारात्मक भाव व विचार आते हैं।
10. स्ट्रेच करें : अगर आप प्रौढ़ महिला हैं तो सोने से पहले दस मिनट स्ट्रेचिंग करें। एक रिसर्च में पाया गया कि इससे मेनोपॉज के लक्षणों और उनसे होने वाले अवसाद में कमी आती है।
फंडा यह है कि अगर आप युवा हैं और खुश रहना चाहते हैं तो मैं सुझाव दूंगा कि संबंधों, अपने हुलिए और कॅरिअर में परफेक्शन की खोज बंद कर दें और आपको मिली नेमतों को याद रखें।
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