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- यदि हम उच्च कीमत की...
इस सरकार ने अपने सामने दो उद्देश्य रखे हैं-किसानों की आय को दोगुना करना और न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं उसकी विसंगतियों को समाप्त करना। आय को दोगुना करने का कार्य सफल होता नहीं दिख रहा है। कारण यह कि सरकार की नीति सही दिशा में नहीं है। सरकार ने 2016 में एक अंतरमंत्रालय कमेटी बनाई थी, जिसने 2018 में अपनी रपट सौंपी। कमेटी ने पहला सुझाव दिया कि कृषि की उत्पादकता को बढ़ाया जाए, ताकि किसानों की आय बढ़े। जैसे एक क्विंटल गेहूं के स्थान पर यदि किसान उसी भूमि से डेढ़ क्विंटल गेहूं का उत्पादन कर ले तो उसकी आय सहज ही बढ़ जाएगी, लेकिन कमेटी यह भूल गई कि उत्पादन बढ़ने के साथ अक्सर दाम गिर जाते हैं। यूं भी विश्व में कृषि उत्पादों के दाम पिछले तीन दशक से गिरते जा रहे हैं। कारण यह कि मनुष्य की भोजन की मांग सीमित है, जबकि उर्वरक आदि की मदद से अनाज का उत्पादन बढ़ता जा रहा है। कृषि उत्पादों की आपूर्ति बढ़ रही है और मांग कम होने से दाम में गिरावट आ रही है। कुछ वर्ष पूर्व पालनपुर के किसानों ने आलू की उत्तम फसल होने के बावजूद मंडी में उचित दाम न मिलने के कारण उसे सड़कों पर फेंक दिया था। इसलिए कमेटी की यह सिफारिश कि उत्पादकता बढ़ाई जाए, उलटी पड़ रही है।