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सम्पादकीय
यदि शहबाज शरीफ भारत से संबंध सुधार की दिशा में कदम उठाते हैं तो इमरान उन्हें गद्दार बताने लगें
Gulabi Jagat
19 April 2022 3:27 PM GMT
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pm के बधाई संदेश के जवाब में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने चिट्ठी लिखकर शांतिपूर्ण संबंधों की जो इच्छा जताई
भारतीय प्रधानमंत्री के बधाई संदेश के जवाब में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने चिट्ठी लिखकर शांतिपूर्ण संबंधों की जो इच्छा जताई, उस पर बहुत उत्साहित नहीं हुआ जा सकता। एक तो इसलिए नहीं कि उन्होंने इस चिट्ठी में कश्मीर राग अलापा और दूसरे, इसलिए कि वह मिलीजुली सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। फिलहाल किसी के लिए यह कहना कठिन है कि उनकी सरकार कितने दिन चलेगी? उनकी मुश्किलों का पता इससे भी चलता है कि वह अभी तक अपनी कैबिनेट का गठन नहीं कर सके हैं। इस सबके अलावा भारत को यह भी देखना होगा कि पाकिस्तानी सेना भारत से संबंध सुधार की उनकी पहल पर उनका कितना साथ देती है?
पाकिस्तान में किसी की भी सरकार हो, रक्षा, विदेश और विशेष रूप से भारत नीति के मामले में वह सेना की मर्जी के खिलाफ कोई कदम नहीं उठा सकती। शहबाज शरीफ की एक समस्या यह भी है कि अविश्वास प्रस्ताव के जरिये सत्ता से हटाए गए इमरान खान ने उनके खिलाफ अभियान छेड़ दिया है। इमरान ने हाल के दिनों में भले ही भारत की विदेश नीति की प्रशंसा की हो, लेकिन इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि वह अपने समर्थकों के बीच यह कहते घूम रहे हैं कि उनके सत्ता से बाहर होने पर सबसे ज्यादा खुशी भारत और इजरायल में मनाई गई। वह अमेरिका को भी कोस रहे हैं। इसके अलावा दबे-छिपे स्वरों में अपनी अदालतों के साथ सेना को भी। ऐसे में इसके पूरे आसार हैं कि यदि शहबाज शरीफ भारत से संबंध सुधार की दिशा में कोई कदम उठाते हैं तो इमरान उन्हें गद्दार बताने लगें।
यह सही है कि भारतीय प्रधानमंत्री ने शहबाज शरीफ को दिए गए बधाई संदेश में यह स्पष्ट कर दिया था कि पाकिस्तान को खुद को आतंकवाद से अलग करना होगा, लेकिन इसकी संभावना कम ही है कि वह ऐसा करेगा। आतंकवाद को समर्थन देना पाकिस्तान की नीति का अभिन्न अंग बना हुआ है। इसी कारण वहां तमाम आतंकी संगठनों को खुला समर्थन और संरक्षण मिल रहा है। इनमें वे आतंकी संगठन खास तौर पर हैं, जो कश्मीर में अपनी नजरें गड़ाए हुए हैं।
भारत इस तथ्य को भी ओझल नहीं कर सकता कि सीमा पार से हथियार और नशीले पदार्थ भेजने के साथ आतंकियों की घुसपैठ की भी कोशिश हो रही है। इस सबके अलावा वह अफगानिस्तान में उन गुटों को भड़का रहा है, जो भारत के खिलाफ जहर उगलते रहे हैं।
दैनिक जागरण के सौजन्य से सम्पादकीय
Gulabi Jagat
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