- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- काश! मैं चूहा ही
x
सच कहूं तो शेर बनकर भी कोई क्या ही कर लेता है? शेर सारी उम्र बस, इसी गुरूर में रहता है कि वह शेर है। भले ही वह सरकार के संरक्षण में पिंजड़े में पल रहा हो। ऐसे शेरों से बेहतर तो मुझे चूहे लगते हैं। आराम से कहीं भी कुछ भी कुतर पुतर सकते हैं। साथ में न कोई बॉडी गार्ड, न कोई सरकारी सिक्योरिटी। अखबारों की सुर्खियां बनने के लिए शेर होना जरूरी नहीं, शेर वाले काम करना भी जरूरी नहीं। गीदड़ों वाले काम करके भी अखबारों में वाही वाही लूटी जा सकती है। चूहे होकर भी अखबारों की हेडलाइन बना जा सकता है। इधर मुहल्ले में शर्मा जी ने उनका ससुराल से मिला गर्म कोट ुतर रहे चूहे की गलती से अपने दोस्त के साथ मिलकर हत्या की तो उनके दोस्त ने चूहे को बचाने के बदले उसका वीडियो बना सोशल मीडिया पर जारी कर दिया। चूहे की हत्या का वीडियो सोशल मीडिया पर रिलीज होते ही चूहा प्रेमियों में उनके खिलाफ वो गुस्सा फूटा कि… वो गुस्सा फूटा कि…काश! कुछ गुस्सा आदमी का आदमी की हत्या होने पर भी फूटा करता।
तब उन्होंने चूहा प्रेमी संघ के प्रधान को बहुत समझाया, ‘बंधु! दोनों हाथ जोड़ कर माफी मांगता हूं। गलती हो गई। माना, जीव हत्या पाप है। पर यहां कौन पापी नहीं? एक दूसरे को मार कर ही तो हम सब जी रहे हैं। मैंने तो चूहे की हत्या अपना गर्म कोट बचाने के लिए की है। तुम क्या चाहते हो कि अगली सर्दियों में मैं फटा कोट पहने बाजार जाता? मैंने यह चूहे को मारने के इरादे से नहीं किया था। मैंने तो अपने कोट की रक्षा के लिए किया था।’ वे मर गए एक से एक दलीलें देते, पर उनकी एक न सुनी गई। मामला चूहे की हत्या का जो था। आदमी की हत्या का होता तो ठंडा पड़ जाता।
मुश्किल से हाथ लगे मुद्दे को चूहा प्रेमी संघ के प्रधान हाथ से जाने देते तो कैसे? उतना सवाल चूहे की हत्या का न था, जितना मुद्दे का था। और चूहा प्रेमियों ने उनके लाख मुंह बंद करवाने के भी मिलकर उनके खिलाफ आदर्श थाने में रपट लिखवा दी। वहां के थानेदार साहब भी घोर चूहा प्रेमी थे। वे चूहों के अनन्य भक्त थे। चूहे उनकी रग रग में बसते थे। सो, शर्मा जी पर मामला नहीं, संगीन आपराधिक मामला दर्ज किया गया। अपने गर्म कोट की रक्षा करते करते उनके द्वारा मारे गए चूहे का वीडियो एक बार फिर एडिट कर सोशल मीडिया पर जारी किया गया। इस वीडियो को देखकर शर्मा जी की चूहा प्रेमियों ने ही नहीं, हर सूअर, गीदड़, सियार, प्रेमी तक ने उनके द्वारा किए इस जघन्य अपराध की मैक्सिमम से मैक्सिमम जितनी हो सकती थी, उससे भी अधिक निंदा नहीं, घोर निंदा की, पर दूसरे टाइप के सारे प्रेमी मौन रहे। राष्ट्रीय अखबार, देश के नंबर वन चैनल सारी दूसरी खबरें छोड़ चूहे की हत्या के केस का फॉलोअप करने लगे। अदालत में चूहे की हत्या का शर्मा जी के खिलाफ पचास पन्नों का आरोप पत्र दायर किया गया। चूहे की हत्या की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी साथ अटैच की गई। आदमियों के मौतीसन सॉरी मेडिसन डॉक्टर ने चूहे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ लिखा कि अपराधी ने चूहे को आदमी को मारने वाली गोलियां दी हैं। चूहे की माइक्रोस्कोपिक जांच में भी यही पाया गया है। ताजा स्थिति में बेचारे शर्मा जी जमानत के लिए हाथ पांव मार रहे हैं। काश! निज की पल पल होती हत्या को लेकर भी कहीं कोई चार्ज शीट नहीं तो कम से कम शीट ही दायर कर देता तो पहली बार मन को परम शांति मिलती।
अशोक गौतम
By: divyahimachal
Rani Sahu
Next Story