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- मानवीय तकाजा
पिछले करीब डेढ़ साल से दुनिया महामारी की चुनौती से जूझ रही है। इसका सामना करते हुए न सिर्फ लोगों को इससे बचाने के ठोस उपायों पर लगातार काम चल रहा है, बल्कि बचाव के जरूरी इंतजाम के साथ जनजीवन को सामान्य बनाने की भी कोशिश चल रही है। बहुत सारे देशों ने कोरोना विषाणु के संक्रमण को काबू करने के उपायों के साथ-साथ आर्थिक और दूसरी सार्वजनिक गतिविधियों को धीरे-धीरे सहज बनाने की ओर कदम उठाए हैं। खासतौर पर जब से कोरोना विषाणु से बचाव का टीकाकरण चल रहा है, तब से एहतियात की हिदायतों के साथ कई स्तर पर राहतें भी दी गई हैं, ताकि लोग अब भविष्य की ओर बढ़ सकें। लेकिन इसी बीच दुनिया के कई हिस्सों से ऐसी खबरें भी आ रही हैं, जिनमें इस महामारी के नाम पर लगाई गई पाबंदियां बहुत सारे लोगों को नाहक बंधक जैसे हालात में बनाए रखने का जरिया साबित हो रही हैं। मसलन, चीन ने कोविड-19 की स्थिति का हवाला देते हुए वीजा प्रक्रिया को अब तक निलंबित किया हुआ है। प्रथम दृष्टया यह कोरोना की संवेदनशीलता के मद्देनजर एहतियात बरतने की कोशिश लगती है। लेकिन व्यवहार में इसका सीधा असर यह पड़ा है कि चीन में करीब तेईस हजार से ज्यादा भारतीय विद्यार्थी, सैकड़ों उद्योगपति और कामगार अपने परिवारों के साथ बीते एक साल से फंसे हुए हैं।