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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। डॉनल्ड ट्रंप के जमाने में अमेरिका को दीर्घकालिक महत्त्व का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय नुकसान शायद यह हुआ कि उसने अपने सहयोगी देशों का भरोसा खो दिया। अब दोबारा पहले की तरह ये देश उसका अनुयायी बनेंगे, इसकी संभावना उज्ज्वल नहीं दिखती। अमेरिका का खास सहयोगी यूरोपियन यूनियन था। इसके साथ उसके आर्थिक के साथ-साथ वैचारिक हित भी मेल खाते थे। लेकिन ट्रंप ने एकतरफा कार्रवाई की जो नीति अपनाई, उससे ईयू के कान खड़े हो गए हैं। इन देशों की अब सोच बनी है कि उन्हें हर मामले में स्वायत्त नीति का पालन करना चाहिए।
इसी का परिचय देते हुए उन्होंने बीते 30 दिसंबर को चीन के साथ व्यापक निवेश समझौता कर लिया, जबकि निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन की टीम ने सार्वजनिक रूप से ईयू से बाइडेन के सत्ता संभालने तक इंतजार करने को कहा था। अब खबर है कि यूरोपियन यूनियन डॉलर पर अपनी निर्भरता घटाने की रणनीति बना रहा है। यह दस्तावेज आज ही यूरोपीय आयोग के समक्ष पेश होगा।