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- मोदी की बांग्ला-यात्रा...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शेख हसीना ने ढाका बुलाकर बहुत ठीक किया। बांग्लादेश की आजादी का यह पचासवाँ और शेख मुजीब के जन्म का यह 100 वाँ साल है। इन दोनों शुभ जन्म-अवसरों पर बांग्लादेश में भारत को याद नहीं किया जाता तो किसको याद किया जाता ? मोदी की भी हिम्मत है कि इस कोरोना-काल में उन्होंने पहली विदेश-यात्रा कहीं की तो वह बांग्लादेश की की।
उन्होंने अमेरिका, रूस, फ्रांस, जर्मनी, जापान देशों को तो इंटरनेट पर ही निपटा दिया। इस यात्रा से दोनों देशों की सरकारों में अपूर्व और एतिहासिक घनिष्टता भी बढ़ी है। लेकिन इस ढाका-यात्रा में से कुछ अप्रिय संदेश भी निकले हैं, मोदी के विरोध में ढाका, चिटगांव और कई अन्य शहरों में हजारों बांग्लादेशी नागरिक नारे लगाते हुए सड़क पर उतर आए। उन्होंने असम पहुंचे बांग्लादेशियों के विरुद्ध बने कानून का विरोध किया और 2002 में गुजरात में हुए दंगों के पोस्टर भी लगाए।