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- अब कितनी होगी तैयारी?
कोरोना की दूसरी लहर अभी थमी नहीं है। इस बीच तीसरी लहर को लेकर आशंकाएं बढ़ रही हैं। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि देश में चिकित्सा तैयारियों को अब पुख्ता किया जा रहा है। बल्कि इस दिशा में कोई हल होने के संकेत नहीं है। आशंका यह है कि अगर तीसरी लहर आई, तब भी उससे बचाव की तैयारियां आधी-अधूरी ही रहेंगी। डॉक्टरों, पारामेडिकल स्टाफ और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी बदस्तूर जारी रहेगी। हकीकत यह है कि स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियों को लेकर समय-समय पर इसे लेकर हाय-तौबा मचती है, जैसा कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान देखने को मिला। लेकिन लहर कमजोर पड़ते ही वे बातें अब पृष्ठभूमि में चली गई हैं। नतीजा है कि असल हालत में कोई खास परिवर्तन नहीं आ रहा है। प्रश्न है कि आखिर इस देश में हेल्थ वर्करों की इतनी कमी क्यों है? फिर जितने भी डॉक्टर मौजूद हैं, क्या उन्हें पर्याप्त सुविधाएं दी गई हैं, जिनसे वे गांव- गांव तक इलाज पहुंचा सकें? ये कमी नई बात नहीं है।