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- कितना मरहम बाकी
हिमाचल की सरकारें कर्मचारी मैत्री माहौल बनाने की हरसंभव कोशिश करती रही हैं और इसी तापमान में वर्तमान सरकार के फैसले भी गर्मजोशी दिखा रहे हैं। फैसलों की फेहरिस्त में दो साल के नियमित सेवाकाल के बाद उच्च वेतनमान तथा जूनियर आफिस असिस्टंेट (आईटी) को भी लिपिक दर्जे का वेतनमान मिलेगा। इस तरह राइडर पर अटकी आशंकाएं समाप्त हो गईं, लेकिन कर्मचारी उम्मीदों के साथ इनसाफ की परिभाषा का तिलक होगा या नहीं, कोई नहीं कह सकता। जयराम सरकार काफी शिद्दत से कर्मचारी मसलों पर मरहम लगा रही है और यह क्रम निर्बाध रूप से जारी है। यानी छठे वेतन आयोेग की सिफारिशें लागू करने से लेकर आज तक सरकारी कर्मचारी की पगार मान-मनौव्वल के दौर से गुजर रही है। सरकार लगातार सिक्के उछालकर कर्मचारी हित के फैसले कर रही है, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता है कि इस वर्ग से साधुवाद हासिल करना आसान होगा।
क्रेडिट बाय दिव्याहिमाचल