सम्पादकीय

नॉर्थ कोरिया में कोरोना के बढ़ते मामले और ओमिक्रॉन के नए सब वेरिएंट Ba.4 से भारत को कितना खतरा है?

Rani Sahu
24 May 2022 11:21 AM GMT
नॉर्थ कोरिया में कोरोना के बढ़ते मामले और ओमिक्रॉन के नए सब वेरिएंट Ba.4 से भारत को कितना खतरा है?
x
देश में कोरोना (Corona) महामारी एंडेमिक स्टेज में है

पंकज कुमार

देश में कोरोना (Corona) महामारी एंडेमिक स्टेज में है. नए मामले तीन हजार से कम बने हुए हैं. रिकवरी रेट भी करीब 99 प्रतिशत हो गई है, लेकिन इस बीच नॉर्थ कोरिया (North Korea) में वायरस पैर पसार रहा है. अप्रैल के आखिरी सप्ताह से लेकर अब तक इस देश में करीब 20 लाख लोग फ्लू और बुखार से पीड़ित हो चुके हैं. कोरोना महामारी की शुरुआत के करीब ढाई साल बाद नॉर्थ कोरिया में कोरोना ने कहर बरपाना शुरू किया है. अधिकतर शहरों में लॉकडाउन लगाया गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी नॉर्थ कोरिया में बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है. संगठन का कहना है कि जिन इलाकों में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. वहां नए वेरिएंट का खतरा बना रहता है. अगर किसी देश में नया वेरिएंट आता है, तो वह दूसरे देशों में तेजी से फैल सकता है. जिससे इस महामारी की किसी नई लहर का खतरा पैदा हो सकता है.
WHO ने हाल ही में जारी एक बयान में कहा है कि नॉर्थ कोरिया की लगभग पूरी आबादी का ही टीकाकरण नहीं हुआ है. जिससे वहां कोरोना वायरस को लेकर गंभीर हालात पैदा हो सकते हैं. वायरस से वहां केस बढ़ने के साथ-साथ मौतों का खतरा भी हो सकता है. WHO का कहना है कि जिस हिसाब से नॉर्थ कोरिया में कोरोना केस बढ़ रहे हैं. ये पूरी दुनिया के लिए खतरे का संकेत बन सकता है. ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के इस बयान के बाद सवाल उठता है कि क्या भारत में भी नॉर्थ कोरिया में बढ़ते मामलों की वजह से खतरा हो सकता है?
इस बारे में एक्सपर्ट्स कहते हैं कि नॉर्थ कोरिया से कोरोना के बारे में सही जानकारी नहीं आ रही है. यह भी पता नहीं चल रहा है कि वहां कोरोना का कोई नया वेरिएंट तो नहीं आ गया है. ऐसे में भारत को बस सतर्क रहने की जरूरत है. क्योंकि देश में कोरोना का कोई खतरा नहीं है. लोगों में संक्रमण के खिलाफ हर्ड इम्यूनिटी है. वैक्सीनेशन भी तेजी से चल रहा है. संक्रमण की वजह से लोगों में एंटीबॉडी है. जिसका असर कुछ महीनों तक रहेगा. फिलहाल जरूरी ये है कि विदेशों से आने वाले यात्रियों की सख्त निगरानी की जाए. एयरपोर्ट पर उनकी जांच के साथ सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाए. फिलहाल पहले की तुलना में ज्यादा सैंपल की सीक्वेंसिंग की जरूरत है. जिससे यह पता चल सके कि किसी यात्री में कोरोना का कोई नया वेरिएंट तो नहीं है.
भारत में खतरा नहीं
कोविड एक्सपर्ट और महामारी विशेषज्ञ डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि भारत में कोरोना एंडेमिक फेज में है. यहां लोगों में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी मौजूद है. साथ ही वैक्सीनेशन भी चल रहा है. पिछले महीने कुछ नए लोग भी संक्रमित हुए हैं. इससे उनमें भी इम्यूनिटी बन गई है. ओमिक्रॉन वेरिएंट के बाद वायरस की मारक क्षमता और प्रभाव कम हुआ है. ऐसे में जब तक कोई खतरनाक वेरिएंटनहीं आता. तब तक केस नहीं बढ़ेंगे. नॉर्थ कोरिया ने अपने यहां ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट BA.2 मिलने का दावा किया है. यह भी हो सकता है कि वहां कोई नया वेरिएंट हो. यह जांच का विषय है. अगर वहां केवल ओमिक्रॉन वेरिएंट ही है तो भारत में इससे कोई खतरा नहीं है. क्योंकि भारत में पहले ही ओमिक्रॉन फैल चुका है और लोगों में इसके खिलाफ इम्यूनिटी मौजूद है. ऐसे में यहा खतरा होने की आशंका नहीं है.
ओमिक्रॉन के नए सब वेरिएंट BA.4 का क्या होगा असर
देश में ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट BA.4के दो मामले दर्ज किए जा चुके हैं. यह वेरिएंट ओमिक्रॉन फैमिली का ही है. इस वेरिएंट के आने के बाद कोरोना के मामलों में इजाफा होने की आशंका जताई जा रही है. हालांकि, एक्सपर्ट्स कहते हैं कि ये नया सब वेरिएंट ओमिक्रॉन के पुराने वेरिएंट की तरह ही होगा. एक्सपर्ट के मुताबिक, कोरोना के ओमिक्रॉन के BA.1, BA.2 और अब BA.4 वेरिएंट आया है. चूंकि तीसरी लहर के दौरान ही बड़ी संख्या में लोग ओमिक्रॉन से संक्रमित हो चुके थे. ऐसे में उसके किसी नए वेरिएंट से दोबारा संक्रमण होने की आशंक नहीं है. इस बारे में डॉ. किशोर कहते हैं कि मूल वेरिएंट को किसी सब वेरिएंट से खतरा नहीं होता है. इससे पहले भी देखा गया था कि डेल्टा के बाद डेल्टा प्लस वेरिएंट आया था, लेकिन उसकी वजह से केस नहीं बढ़ें.
ऐसा इसलिए क्योंकि पुराने वेरिएंट के सब वेरिएंट में उसके जैसे ही लक्षण होते हैं. ऐसे में दोबारा से केसबढ़ने की आशंका नहीं है. हालांकि जिस हिसाब से नॉर्थ कोरिया और अब सऊदी अरब में भी कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है. उसे देखते हुए सतर्क रहना होगा. खासतौर पर जीनोम सीक्वेंसिंग पर ध्यान देने की जरूरत है. साथ ही यह भी देखना होगा कि किसी इलाके में अचानक से केस तो नहीं बढ़ रहे हैं. अगर ऐसा होगा तो वहां ट्रेसिंग और टेस्ट बढ़ाने होंगे.

सोर्स- tv9hindi.com

Rani Sahu

Rani Sahu

    Next Story