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फाइल फोटो
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | सुधारने की जिद्द में सुक्खू सरकार ने अपनी व्यापक शक्तियां और नजरिया तो चुन लिया, लेकिन पूरी पंक्तियां लिखने की इबारत अभी बाकी है। सुखविंद्र सुक्खू ने शपथ ग्रहण समारोह में अपनी देह भाषा में सदाशयता, मेल मिलाप और सभी को साथ मिलाकर आगे बढ़ाने की कोशिश की, तो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने की ऊर्जा और ताकत का प्रदर्शन भी किया। आरंभिक फैसलों ने सरकार और सरकार के शिखर के रूप में सुखविंद्र सुक्खू को जरूर देखा होगा, लेकिन परीक्षाओं का यह दौर-कत्र्तव्यों की एक लंबी फेहरिस्त भी बना रहा है। पिछली सरकार के अंतिम निर्देशों की पड़ताल के साथ-साथ पूरे हिमाचल, हिमाचल की व्यवस्था, विभागीय अस्वस्थता और सियासी जखीरा बने तमाम ट्रांसफर आर्डर की तफतीश करनी होगी। हिमाचल हमेशा सत्ता को अवसर देकर खुद को निहारता है यानी कांग्रेस को वह इन्हीं निहारते संकल्पों में सफल होते देखना चाहता है। अनाथ बच्चों की जिम्मेदारी के लिए जिस तरह राजेश धर्माणी की समीति सामने आई है, उसी तरह शिक्षा और स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए अलग-अलग समीतियों का त्वरित गठन होना चाहिए ताकि पता लगाया जाए कि शिक्षण व चिकित्सा संस्थानों के कुशल संचालन के लिए कहां-कहां रिक्तियां भरी जानी हंै।