सम्पादकीय

वैक्सीनेशन की रफ्तार में भारत दुनिया में कैसे साबित हो रहा है अव्वल?

Gulabi
1 Sep 2021 5:00 AM GMT
वैक्सीनेशन की रफ्तार में भारत दुनिया में कैसे साबित हो रहा है अव्वल?
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भारत में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया चरम पर है

पंकज कुमार.

भारत में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया चरम पर है. एक बार फिर भारत ने 31 अगस्त को एक करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है और 27 अगस्त के रिकॉर्ड को तोड़ने में कामयाबी मिल गई है. 31 अगस्त 2021 तक भारत ने 65 करोड़ से अधिक वैक्सीन लगाने में कामयाबी हासिल की है जो दुनियां के लिए नया कीर्तिमान बन चुका है. 27 अगस्त को भारत ने एक दिन में एक करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज लगाए. यह खुद में एक विश्व रिकॉर्ड था. दुनिया के किसी भी देश ने एक दिन में इतने वैक्सीन लगाने में कामयाबी हासिल नहीं की है.

भारत ने अपने ही रिकॉर्ड को 5 दिनों के अंदर तोड़ कर नया कीर्तिमान स्थापित कर लिया है. रिकॉर्ड के मुताबिक 31 अगस्त की शाम 6 बजे तक 27 अगस्त के 1.09 करोड़ वैक्सीन लगाने के रिकॉर्ड को तोड़ दिया गया है. भारत अब तक 65 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगा चुका है जो अमेरिका की कुल आबादी का दोगुना है. आबादी के हिसाब से आंकलन किया जाए तो न्यूजीलैंड की कुल आबादी के बराबर भारत एक दिन में दो बार वैक्सीन लगाने में कामयाबी हासिल कर रहा है.
वैक्सीनेशन के मामले में भारत पहले नंबर पर
हर दिन सबसे अधिक वैक्सीन लगाने के मामले में भारत पहले नंबर पर है. भारत के बाद दूसरे नंबर पर ब्राजील है. भारत एक तरफ 74.09 लाख वैक्सीन रोजाना लगा रहा है, वहीं ब्राजील भारत के मुकाबले एक चौथाई से भी कम यानि हर रोज 17.04 लाख वैक्सीन रोजाना लगा पा रहा है. ज़ाहिर है भारत में वैक्सीन की तेज रफ्तार दुनियां के लिए उदाहरण बन गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक देश का शीर्ष नेतृत्व वैक्सीनेशन को लेकर पूरी तरह गंभीर है, इसलिए स्वास्थ्य मंत्रालय से लेकर राज्य सरकार इसकी गंभीरता को भांपते हुए बेहतर कार्य करने में जुटा हुआ है.
भारत में किन राज्यों की स्थितियां वैक्सीन को लेकर बेहतर हैं?
हिमाचल प्रदेश में 100 प्रतिशत लोगों को पहला डोज लग चुका है. भारत के कुल राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से कम से कम आठ ऐसे हैं, जहां 75 प्रतिशत से अधिक आबादी को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है. भारत में दस से अधिक राज्य ऐसे हैं जो एक दिन में पाकिस्तान, जर्मनी, तुर्की, ब्रिटेन, फ्रांस, मैक्सिको, रूस, इटली, स्पेन, ईरान, मोरक्को और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की तुलना में वैक्सीन के ज्यादा डोजेज लगा रहा हैं.
आबादी के हिसाब से बड़ा राज्य यूपी 31 अगस्त तक 7.20 करोड़ वैक्सीन का इस्तेमाल कर चुका है.
यही वजह है कि भारत पिछले एक हफ्ते में हर रोज 74.09 लाख वैक्सीन का डोज लगा पाने में कामयाब रहा है. भारत ने सबसे कम समय 114 दिनों में 17 करोड़ कोविड वैक्सीन के डोज लगाए थे. जबकि अमेरिका और चीन को इतने ही डोज लगाने में 115 और 119 दिन लग गए थे.
वैसे इजराइल के वैक्सीनेशन अभियान की तारीफ दुनियां में होती रही है. लेकिन भारत इजराइल को पछाड़ दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान चलाने वाला देश बन गया है. भारत में इजराइल की कुल आबादी के बराबर या उससे अधिक लोगों को वैक्सीन रोजाना लगना शुरू हो गया है.
तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए भारत ने बढ़ाया वैक्सीनेशन की रफ्तार
भारत में हुए हाल के सीरो सर्वे में तीन में से दो लोगों में एंटीबॉडी का पाया जाना अच्छा माना गया था. एक्सपर्ट इस बात का हवाला देने लगे हैं कि सीरो सर्वे के परिणाम और वैक्सीनेशन की तेज रफ्तार भारत को तीसरे लहर की कहर से बचा सकता है. भारत के लिए फिलहाल चिंता का सबब बच्चे हैं, जिनके लिए वैक्सीन को लाए जाने की बात देश में जोरों से चल रही है.
चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ अरुण शाह कहते हैं कि भारत में वैक्सीनेशन की रफ्तार इस तरह तेज रही तो ज़ाहिर तौर पर सितंबर के अंत तक 25 फीसदी लोग दोनों डोज वैक्सीन का ले चुके होंगे. वहीं 50 फीसदी से ज्यादा लोग सिंगल डोज लेने में कामयाब होंगे. डॉ अरुण शाह कहते हैं कि भारत सरकार की ये पहल देश को तीसरी लहर के कहर से बचाने में कामयाब हो सकता है, जहां हॉस्पिटलाइजेशन से लेकर कैजुअल्टी की संख्या काफी कम होगी.
वैक्सीनेशन की तेज प्रक्रिया वायरस को म्यूटेट होने से बचाएगा
दरअसल एक्सपर्ट मानते हैं कि केरल और महाराष्ट्र चिंता का सबब जरूर हैं लेकिन वैक्सीनेशन की तेज प्रक्रिया भारत के उन राज्यों के लिए वरदान साबित होगी जहां सीरो सर्वे में ज्यादा लोगों में एंटीबॉडी की मात्रा पाई गई थी. फिलहाल कुछ एक्सपर्ट ने अक्टूबर और नवंबर महीने में कोरोना की तीसरी लहर का अंदेशा ज़ताया है. वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से भारत के आंकड़े को देखकर कहा गया है कि कोरोना माहमारी पेंडेमिक न होकर भारत में एंडेमिक का रूप ले सकता है. ज़ाहिर है भारत के प्रधानमंत्री मोदी द्वारा वैक्सीनेशन प्रोग्राम को आगे बढ़ाने में मिली सफलता को एक्सपर्ट एक कामयाबी के तौर पर देख रहे हैं.
जेनेटिक इंजीनियरिंग से पीएचडी डॉ संजय कुमार सिंह कहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन कोरोना के कहर से तो बचाएगा ही साथ ही वायरस को आगे म्यूटेट होने से भी बचाएगा जो वर्तमान मोदी सरकार की बड़ी कामयाबी मानी जाएगी. ज़ाहिर है भारत जैसे विशाल देश में बड़े पैमाने पर वैक्सीन को उपलब्ध कराना और जनता में विश्वास जगाकर उन्हें वैक्सीन लेने को प्रेरित करना केन्द्र सरकार और राज्य सरकार दोनों के लिए किसी गंभीर चुनौती से कम नहीं है.
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