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लगभग 8 वर्षों की लंबी प्रतीक्षा के बाद भ्रष्टाचार के आरोपों में लिप्त कांग्रेस पार्टी( Congress Party) के गांधी परिवार (Gandhi Family) पर का शिकंजा कसने लगा है
अजय झा
लगभग 8 वर्षों की लंबी प्रतीक्षा के बाद भ्रष्टाचार के आरोपों में लिप्त कांग्रेस पार्टी( Congress Party) के गांधी परिवार (Gandhi Family) पर का शिकंजा कसने लगा है. 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और खास कर बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेन्द्र मोदी जिस तरह गांधी परिवार पर आक्रमणकर रहे थे, बार बार दामाद जी (कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा) का नाम ले रहे थे, ऐसा लगने लगा था कि अगर मोदी प्रधानमंत्री बन गए तो अगर पूरा गांधी परिवार नहीं तो कम से कम रॉबर्ट वाड्रा तो जेल में होंगे ही. पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. बस वाड्रा के कुछ व्यापार और कार्यालयों पर छापेमारी हुई, उनसे एक-दो बार पूछताछ की गई और लगने लगा कि मामला रफा दफा हो गया है.
राणा कपूर के बयान से सनसनी
पर इस बार वाड्रा का नाम नहीं बल्कि उनकी पत्नी प्रियंका गांधी का नाम उछल रहा है. खबरों के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मुंबई के एक कोर्ट में यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के खिलाफ एक अतिरिक्त चार्जशीट फाइल की है. इसमें राणा कपूर का एक बयान है कि कांग्रेस पार्टी के कुछ बड़े नेताओं के दबाव में 2010 में प्रसिद्ध चित्रकार एम एफ हुसैन द्वारा बनाई गयी राजीव गांधी की एक पेंटिंग को उन्हें 2 करोड़ रुपयों में खरीदना पड़ा था. यह भी बताया जा रहा है कि कपूर को कहा गया कि इन पैसों की सोनिया गांधी के न्यूयॉर्क के एक अस्पताल में इलाज के लिए जरूरत है जिसके एवज में उन्हें पद्मश्री सम्मान देने का प्रलोभन दिया गया था. राणा कपूर ने ED को दिये बयान में तात्कालिक केंद्रीय मंत्री मुरली देवड़ा, उनके पुत्र मिलिंद देवड़ा और अहमद पटेल का नाम लिया है. कपूर ने चेक द्वारा प्रियंका गांधी को 2 करोड़ दिए थे और प्रियंका गांधी ने लिखित रूप में पैसों के बदले उस पेंटिंग का मालिकाना हक़ राणा कपूर को दिया था.
राणा कपूर पिछले दो वर्षों से जेल में हैं और कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि ED ने उन पर दबाव डाल कर यह वक्तव्य लिया है. मुरली देवड़ा और अहमद पटेल अब इस दुनिया में रहे नहीं कि वह कुछ सफाई दें, पर मीडिया में चेक और प्रियंका गांधी के लिखित सर्टिफिकेट की कॉपी भी छपी है. इसमें कोई शक की गुंजाइश नहीं है कि राणा कपूर ने प्रियंका गांधी से 2 करोड़ रुपयों में यह पेंटिंग खरीदी थी. अब उन पैसों का क्या हुआ इसका कोई मायने नहीं है क्योंकि यह वह पैसा उस 5,000 करोड़ रुपयों में से था जिसके गबन के आरोप में राणा कपूर जेल में हैं. यह भी कहा जा रहा है कि यह पेंटिंग कांग्रेस पार्टी की प्रॉपर्टी थी, ना कि गांधी परिवार की.
गांधी परिवार का पैसा कहां गया
पर अगर यह सच है कि उस पेंटिंग को सोनिया गांधी के इलाज के लिए बेचा गया था तो फिर यह आरोप कि गांधी परिवार 2004 से 2014 के बीच मनमोहन सिंह सरकार के समय में भ्रष्टाचार में लिप्त थी, गलत साबित होता दिखता है. पर उससे भी बड़ा सवाल है कि कैसे गांधी परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी ख़राब हो गयी कि सोनिया गांधी के इलाज के लिए उन्हें राजीव गांधी की पेंटिंग तक बेचनी पड़ी? यह कुछ अजीब सा लगता है. गांधी परिवार के पास सही या गलत तरीके से कमाया पैसा कहां गया, या फिर क्या इलाज के नाम पर पेंटिंग को बेचना पैसे कमाने का एक बहाना मात्र था? अगर गांधी परिवार सच में गरीब है तो राहुल गांधी के विदेशी दौरों का खर्चा कौन उठता है? बीजेपी ने तो यह भी आरोप लगा दिया है कि राणा कपूर के बयान से साबित होता है कि कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में राष्ट्रीय सम्मानों को शायद पैसों के बदले बेचा जा रहा था.
राजीव गांधी की पेंटिंग अगर गांधी परिवार की संपत्ति थी तो फिर उन्हें इसे बेचने का पूरा अधिकार था. कोर्ट में शायद यह साबित करना कि राणा कपूर को उसे दबाव में और प्रलोभन दे कर बेचा गया था, साबित करना शायद मुश्किल होगा. पर अगर वह 2 करोड़ में खरीदी हुयी पेंटिंग गबन के पैसों से खरीदा गया था तो फिर ED शायद जल्द ही प्रियंका गांधी से पूछताछ कर सकती है.
नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया और राहुल का नाम
अगर रॉबर्ट वाड्रा के ऊपर लगे अनगिनत आरोप को छोड़ भी दें तो यह गांधी परिवार के ऊपर लगा पहला आरोप नहीं है.
नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम जुड़ा हुआ है, क्योंकि एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड जो नेशनल हेराल्ड नाम का अंग्रेजी दैनिक प्रकाशित करता था, उसे कांग्रेस पार्टी द्वारा दिया गए 90 लाख रुपयों के लोन के बदले यंग इंडियन कंपनी को 50 लाख रुपयों में बेच दिया गया. यंग इंडियन कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी 86 प्रतिशत के साथ सबसे बड़े शेयर होल्डर हैं. यह भी आरोप है कि यंग इंडियन ने एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड की सैकड़ों करोड़ों की सम्पत्ति हड़प ली. फ़िलहाल यह केस दिल्ली हाई कोर्ट में वर्षों से चल रहा है तथा प्रमुख अभियुक्त सोनिया गांधी और राहुल गांधी 2015 से जमानत पर हैं.
अब इंदिरा गांधी और राजीव गांधी द्वारा कमाया हुआ सही या गलत पैसा कहां गया, मनमोहन सिंह सरकार के दौरान इतना भ्रष्ट्राचार का आरोप लगा और गांधी परिवार गरीब हो गया. रॉबर्ट वाड्रा छोटे व्यापारी से सैकड़ों करोड़ों के मालिक बन गए पर उनकी सास के पास इलाज के लिए पैसा तक नहीं था?
वैसे नेताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप तो लगता ही रहता है. इस हमाम में सभी नंगे हैं, बस जो पकड़ा गया वही चोर है. और अब तक सिर्फ कुछ ही ऐसे नेता हैं जो भ्रष्टाचार के आरोप में जेल गये हैं, जिनमे से कुछ प्रमुख नाम लालू प्रसाद यादव, जयललिता, ओमप्रकाश चौटाला, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम और महाराष्ट्र में एनसीपी के दो मंत्री ही उन गिने चुने दुर्भाग्यशाली नेताओं में हैं जिन्हें जेल जाना पड़ा.
चुनाव के बाद कभी एक्शन नहीं होता
अक्सर ऐसा देखा जाता है कि चुनावों के दौरान भ्रष्टाचार का आरोप लगता है,उस पर सख्त कार्रवाई का जनता से वादा किया जाता है और चुनाव जीतने के बाद कुछ भी नहीं होता है. गांधी परिवार के साथ भी 2014 के बाद ऐसा ही होता दिख रहा था. जांच सालों से चल रही है,अब वह समय आ गया है कि गांधी परिवार के खिलाफ लगे सभी आरोपों का सबूत अगर जांच एजेसियों के पास है तो उसे कोर्ट में पेश किया और कोर्ट से गुहार लगायी जाये कि इन केसों की सुनवाई जल्द से जल्द की जाए ताकि अगर गांधी परिवार पर लगा आरोप सही है तो उन्हें जेल भेजा जाए या फिर उन्हें बरी कर दिया जाए. यह भी संभव है कि गांधी परिवार के भ्रष्ट होने का आरोप राजनीति से प्रेरित हो, क्योंकि यह नहीं भूला जा सकता कि अगले दो वर्षों में 12 राज्यों में विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव होने वाला है, जिसमे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का गृह प्रदेश गुजरात भी है जहां इस साल के अंत में चुनाव होने वाला है.
Rani Sahu
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