- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- देश इतना कमजोर कैसे हो...
भारत 138 करोड़ की आबादी, विशाल भूभाग, गौरवशाली सांस्कृतिक परंपराओं और हजारों साल की सभ्यता की निरंतरता वाला एक महान देश है या कच्चा धागा है, जो बात-बात में टूटने लग रहा है? किसी विश्वविद्यालय के छात्र बढ़ी हुई फीस के विरोध में आंदोलन करते हैं तो देश टूटने लगता है! संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में कुछ लोग आंदोलन पर बैठते हैं तो देश टूटने लगता है! एक दलित छात्र की खुदकुशी के विरोध में विश्वविद्यालय के छात्र आंदोलन करते हैं तो देश टूटने लगता है! केंद्र सरकार के बनाए कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन करते हैं तब भी देश टूटने लगता है! और अगर किसानों के समर्थन में कोई विदेशी व्यक्ति ट्विट कर दे तब तो देश बिल्कुल टूटने की कगार पर पहुंच जाता है! आखिर यह महान देश इतना छुई-मुई कैसे हो गया कि अपने ही लोगों के विरोध प्रदर्शनों से टूटने लग जा रहा है?