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- मौत के अस्पताल!...
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। महाराष्ट्र के भंडारा जिला के अस्पताल के स्पेशल न्यू बर्न केयर यूनिट में आग लगने से दस नवजात शिशुओं की मौत एक बड़ी त्रासदी है। सभी शिशुओं की उम्र एक माह से तीन माह के बीच थी। तीन बच्चों की मौत जलने से हुई जबकि 7 बच्चों की मौत दम घुटने से हुई। दरअसल सरकारी और निजी अस्पतालों में लापरवाही का संक्रमण इस कदर फैल चुका है कि देशभर में अस्पतालों में आग लगने की घटनाओं में लोगों की बेशकीमती जानें जा रही हैं। यही कारण है कि दस बच्चों ने तड़प-तड़प कर जान दे दी। गनीमत है कि 7 बच्चों को बचा लिया गया।
इससेे पहले गुजरात, राजस्थान और अन्य राज्यों के अस्पतालों में आग लगने की घटनाएं सामने आई थीं। कोटा के अस्पताल में भी बच्चों की लगातार मौतों से पूरा देश दहल उठा था। यह भी देश की विडम्बना है कि कभी आक्सीन की कमी के चलते बच्चों की मौत हो जाती है तो कभी धुएं से। अफसोस इस बात का है कि हर बार लोगों को लगता है कि कम से कम आगे तो ध्यान रखा जाएगा और आने वाले समय में ऐसे हादसे देखने को नहीं मिलेंगे लेकिन ऐसा लगता है कि अस्पतालों के प्रबंधनों की नजर में हादसों से बचाव के इंतजाम कोई गैर प्राथमिकता के काम हैं और खतरे की गम्भीरता की उन्हें कोई परवाह नहीं है।