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- 10 मार्च से शुरू हो...
फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन का त्योहार मनाया जाता है। लेकिन इससे आठ दिन पहले से ही होलाष्टक का त्योहार शुरू हो जाता है। इस साल होलाष्टक 10 मार्च से शुरू हो रहा है जोकि अगले 8 दिन यानी 17 मार्च तक रहेंगे। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि असुर हिरण्यकश्यप ने इन आठ दिनों में ही भक्त प्रहलाद को बंदी बनाकर पूरे 8 दिनों तक कई तरह की यातनाएं दी थी। इसी कारण इन 8 दिनों के दौरान कोई भी शुभ काम करने की मनाही होती हैं।
इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है। अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक मुख्य तौर पर गृह प्रवेश, मुंडन,विवाह, सोलह संस्कार जैसे शुभ कामों के अलावा नया घर, वाहन खरीदना या फिर कोई नया बिजनेस शुरू करने आदि की मनाही होती है। इस समय के दौरान केवल स्नान-दान, जप-तप करने का विधान है।
होलाष्टक के दौरान जप, तप, स्नान और ध्यान करना शुभ माना जाता है। इसलिए आपको जो भी आराध्य हो उनकी आप पूजा सकते हैं। अगर आप भगवान शिव की पूजा करते हैं तो शिवलिंग में दूध, पानी, दही, बेलपत्र, पुष्प आदि अर्पित करते हुए ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। वहीं अगर आप भगवान विष्णु के भक्त हैं तो उनकी विधि-विधान से पूजा करने के साथ ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय या ऊँ विष्णवे नम: का जाप कर सकते हैं। होलाष्टक के दौरान भगवान का मनन करने से आपका चित्त, मन, दिमाग शांत रहेगा, जिससे आपके आसपास सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होगी।
होलाष्टक के दौरान न करें ये काम
ज्योतिषचार्यो के अनुसार, होलिका दहन के साथ ही होलाष्टक का समापन होता है। इस आठ दिनों में कई ग्रह उग्र अवस्था में होते हैं, जिसमें चंद्रमा, सूर्य, शुक्र, मंगल, राहु, शनि, मंगल, बुध और गुरु ग्रह शामिल है। इन सभी का प्रभाव हर राशि के जातक के जीवन पर काफी हद तक नकारात्मक पड़ता है।
होलाष्टक से लेकर पूर्णिमा तक किसी भी तरह का शुभ कार्य जैसे मुंडन, विवाह, नामकरण, अन्नप्राशन सहित अन्य सोलह संस्कार नहीं करना चाहिए।
होलाष्टक के दौरान किसी भी तरह का बिजनेस नहीं शुरू करना चाहिए। क्योंकि इन 8 दिनों के दौरान ग्रहों की स्थिति उग्र होती है जिसके कारण बिजनेस में घाटा हो सकता है। इसलिए 10 मार्च से पहले या फिर होली के बाद नए बिजनेस की शुरूआत कर सकते हैं।
होलाष्टक के दौरान किसी भी तरह का वाहन नहीं खरीदना चाहिए। आप चाहे तो होलाष्टक से पहले वाहन की बुकिंग करा सकते हैं। लेकिन घर होली के बाद ही लाए तो बेहतर होगा।
होलाष्टक के समय किसी भी तरह की पूजा, यज्ञ आदि न कराएं। क्योकि इसका आपको पूर्ण फल प्राप्त नहीं होगा।
अगर आप कोई मकान, प्लॉट आदि खरीदने की सोच रहे हैं तो होलाष्टक के दौरान न खरीदें। इसके साथ ही इस समय के दौरान रजिस्ट्री आदि भी न कराने की सलाह दी जाती है।
होलाष्टक के समय किसी भी तरह तरह से मकान का निर्माण शुरू न करें। 10 मार्च से पहले शुरू कर दें तो आप निरंतर निर्माण करा सकते हैं। इसके साथ ही ग्रह प्रवेश भी न कराने की सलाह दी जाती है।