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- देश का आईना है हिंदी
द्रमुक नेता और राज्यसभा सांसद टीकेएस एलनगोवन ने अपने एक घटिया बयान में कहा है कि हिंदी तमिलों का दर्जा घटाकर 'शुद्र' कर देगी और कहा कि हिंदी भाषी राज्य देश के विकसित प्रदेश नहीं हैं जबकि जिन राज्यों की मातृ जबान स्थानीय भाषा है, वे अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। एलनगोवन ने भाषा थोपने को लेकर द्रविड़ कझगम की ओर से आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि हिंदी को लादकर मनुवादी विचार थोपने की कोशिश की जा रही है। उनकी यह टिप्पणी वायरल हो गई है। राज्य सरकार ने यह भी आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में हिंदी को थोपा गया है और यह स्पष्ट कर दिया है कि तमिलनाडु केवल अपने दो भाषा फार्मूले तमिल और अंग्रेजी का पालन करेगा, जो दशकों से राज्य में प्रचलित है। उनका यह कुत्सित बयान उनकी हिंदी भाषा के महत्त्व की प्रति उनकी अज्ञानता दर्शाता है। यह महानुभाव यह नहीं जानते है कि एक भाषा के रूप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है, बल्कि यह हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है। बहुत सरल, सहज और सुगम भाषा होने के साथ हिंदी विश्व की संभवतः सबसे वैज्ञानिक भाषा है, जिसे दुनिया भर में समझने, बोलने और चाहने वाले लोग बहुत बड़ी संख्या में मौजूद हैं। हिंदी भाषा भारत की संस्कृति गौरव एवं मान-सम्मान है। हिंदी भाषा से ही भारत की पहचान की जाती है।
सोर्स- divyahimachal