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भारत के 2022 राष्ट्रीय खेल, जिसे भारत के 36वें राष्ट्रीय खेलों के रूप में भी जाना जा रहा है और भविष्य में गुजरात राष्ट्रीय खेलों के नाम से भी जाना जाएगा । भारत के राष्ट्रीय खेलों का 36वां संस्करण गुजरात के अहमदाबाद, गांधीनगर, सूरत, वड़ोदरा, राजकोट और भावनगर में आयोजित हो रहा है। राष्ट्रीय खेलों में देश के विभिन्न राज्यों व सेना के 7000 एथलीट 36 खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए अपना-अपना दम दिखा रहे हैं। राष्ट्रीय खेलों का आगाज पीएम मोदी ने किया और कहा राष्ट्रीय खेल देश का सबसे बड़ा खेल आयोजन है। 2015 में केरल ने राष्ट्रीय खेलों का आयोजन किया था। दो साल के अंतराल में होने वाले ये खेल कभी तो दस साल बाद भी आयोजित हुए हैं। इस बार भी ये खेल सात साल बाद आयोजित हो रहे हैं। दरअसल ये खेल गोवा में होने थे और लगातार टलते जा रहे थे, लेकिन गुजरात सरकार ने इन्हें करवाने का जिम्मा उठाया और अब आजकल 36वें राष्ट्रीय खेल गुजरात के विभिन्न शहरों में 27 सितंबर से 10 अक्तूबर तक हो रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के खिलाड़ी भी राज्य ओलंपिक संघ के बैनर तले कुछ खेलों में अपना दम दिखा कर हिमाचल प्रदेश का नाम पदक तालिका में चमका रहे हैं। हिमाचल प्रदेश को कुश्ती में पहला पदक सोलन जिले की रानी पहलवान जो हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग में कार्यरत है, ने 76 किलोग्राम भार वर्ग में रजत पदक जीत कर हिमाचल प्रदेश को गौरव दिलाया।
कुश्ती में दूसरा रजत पदक भी सोलन जिले की राधा ने हिमाचल प्रदेश की पदक तालिका में सजाया। राधा रानी की छोटी बहन है। पुरुष वर्ग में सुंदरनगर के नवीन ने 74 किलोग्राम में हिमाचल प्रदेश की झोली में कांस्य पदक जीत कर डाला। इस नए युवा पहलवान से हिमाचल को भविष्य में काफी उम्मीदें हैं। रांची में आयोजित 2011 के राष्ट्रीय खेलों में हिमाचल को जौनी चौधरी ने पहला स्वर्ण पदक दिलाया है। हिमाचल प्रदेश महिला कबड्डी टीम ने उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए हिमाचल प्रदेश की पदक तालिका में पहला स्वर्ण पदक सजाया है। पिछले दो दशकों से हिमाचल प्रदेश महिला कबड्डी का देश में दबदबा कायम है। जब राज्य में कबड्डी के लिए कोई भी छात्रावास नहीं था, तब 2000 में दयाराम चौधरी के प्रशिक्षण कार्यक्रम से निकली लड़कियों ने पुष्पलता के नेतृत्व में पहली बार राष्ट्रीय महिला खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। उसके बाद कबड्डी प्रशिक्षक मेहर चंद वर्मा साई धर्मशाला व स्वर्गीय कबड्डी प्रशिक्षक दौलतराम ठाकुर व रतन ठाकुर से राज्य खेल छात्रावास बिलासपुर में महिला कबड्डी खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण सुविधाएं उपलब्ध हुईं और उत्कृष्ट प्रदर्शन भी सामने आते रहे हैं। एथलेटिक्स में हिमाचल प्रदेश की पदक तालिका को सुमन रावत ने तीन दशक पहले ही राष्ट्रीय खेलों में कई बार स्वर्ण पदकों से सजाया है। अमन सैनी ने भी स्वर्ण पदक सहित कई पदकों से हिमाचल प्रदेश की पदक तालिका को राष्ट्रीय खेलों में सजाया है।
स्वर्ण पदक की परम्परा को जारी रखते हुए चंबा की सीमा ने दस हजार मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक व पांच हजार मीटर की दौड़ में रजत पदक जीता है। सीमा साई खेल छात्रावास धर्मशाला में एथलेटिक्स प्रशिक्षक केहर सिंह पटियाल के प्रशिक्षण कार्यक्रम से निकल कर आजकल भोपाल में विशेष व गहन प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है। अगले साल एशियाई खेलों में इस धाविका से काफी उम्मीद है। हिमाचल प्रदेश जिला मंडी के जोगिंदर नगर निवासी सावन बरवाल ने पांच हजार मीटर में कांस्य पदक व कांगड़ा के अंकेश चौधरी ने भी आठ सौ मीटर की दौड़ में कांस्य पदक सेना के लिए जीते हैं। सावन जोगेंद्रनगर में एथलेटिक्स प्रशिक्षक गोपाल ठाकुर व अंकेश ऊना राज्य खेल छात्रावास में एथलेटिक्स प्रशिक्षक भागीरथ के पास से प्रारंभिक ट्रेनिंग लेकर आगे बढ़े हैं। ये दो धावक भी अगले साल एशियाई खेलों में देश के लिए पदक जीत सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश सरकार को चाहिए कि इन सभी खिलाडिय़ों के द्वारा जीते हुए पदकों का नगद ईनाम इन्हें जल्द से जल्द दें ताकि ये अगले साल होने वाली एशियाड पर ध्यान केन्द्रित कर सकें। राष्ट्रीय खेलों में अभी मुक्केबाजी व हैंडबाल सहित कई खेल शुरू होने शेष हैं जो दस अक्टूबर तक चलेंगे। शेष बची स्पर्धाओं में अभी और अधिक पदक जीतने की क्षमता है। इनमें भाग लेने वालों को शुभकामनाएं। पदक विजेता प्रदर्शन करने वाले खिलाडिय़ों को यहां तक पहुंचने के लिए काफी पसीना बहाना पड़ा है। कड़े संघर्ष से अर्जित की गई योग्यता से ही वे यह कारनामा कर पाए हैं। राज्य में भविष्य के खिलाड़ी इन पदक विजेता खिलाडिय़ों से सीख व प्रेरणा लेकर आगे बढ़ सकते हैं। यदि हिमाचल के खिलाडिय़ों को मूलभूत सुविधाएं तथा स्तरीय प्रशिक्षण उपलब्ध करवाया जाए तो वे पदक विजेता प्रदर्शन कर सकते हैं। खिलाडिय़ों के प्रशिक्षण के लिए सरकार को ठोस इंतजाम करने होंगे। कुछ पूर्व खिलाडिय़ों ने प्रदेश में अपनी अकादमियां खोल रखी हैं जहां खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
भूपिंद्र सिंह
अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक
ईमेल: [email protected]
By: divyahimachal
Rani Sahu
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