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- हिमाचल का योगदान
भारतवर्ष में मुगल साम्राज्य का सूर्यास्त होते ही अंग्रेजी सत्ता का उदय होने लग पड़ा था। जो विदेशी हमारे यहां व्यापार करने के लिए आए थे, उन्होंने धीरे-धीरे यहां की राजनीतिक सत्ता को हथियाने की शुरुआत कर दी। वे 'फूट डालो राज करो' की कूटनीति को अपनाकर भारतीय राजाओं को अपने काबू में करने लगे। ब्रिटिश सरकार धीरे-धीरे रियासतों की जिम्मेवारी अपने हाथों में लेने लगी थी। उन्होंने राजाओं को कई प्रकार के प्रलोभन देकर या फिर अपनी ताकत दिखा कर उन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था। सन् 1857 को हम आजादी की लड़ाई की प्रथम घटना बताते हैं, लेकिन उससे पहले भी हमारे बहुत से आदिवासियों, कई राजाओं व साधु-संतों ने अंग्रेजों की खिलाफ विद्रोह करना शुरू कर दिया था। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाइयां भी लड़ी थी। जैसे सन् 1795 से 1800 में झारखंड क्षेत्र में चेरो आंदोलन ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ 'जंगल की आग' का संकेत दिया था।