सम्पादकीय

एम्स से और भी स्वस्थ रहेगा हिमाचल

Rani Sahu
6 Dec 2021 7:01 PM GMT
एम्स से और भी स्वस्थ रहेगा हिमाचल
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अब प्रदेश में निजी अस्पतालों की संख्या भी बढ़ी है और प्रदेश में मेडिकल शिक्षा संस्थानों की संख्या में भी अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है

अब प्रदेश में निजी अस्पतालों की संख्या भी बढ़ी है और प्रदेश में मेडिकल शिक्षा संस्थानों की संख्या में भी अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है। एम्स के शुरू होने से मंडी, कुल्लू, लाहुल-स्पीति, बिलासपुर, सरकाघाट के इलाकों को काफी लाभ मिलेगा। प्रदेश में 200 के करीब रोगी वाहन (एंबुलैंस) हैं। 108 नंबर डायल करने पर यह सुविधा उपलब्ध है। यही नहीं, कुछ इलाकों में मोटर साइकिल भी मरीजों की सुविधा के लिए उपलब्ध हैं। लेकिन हिमाचल के दुर्गम क्षेत्रों के मरीजों के लिए एयर एंबुलैंस की व्यवस्था करनी होगी। लाहुल-स्पीति, कुल्लू तथा प्रदेश के दूसरे दुर्गम जनजातीय पहाड़ी क्षेत्रों से खासकर दिल का दौरा और दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल लोगों को शीघ्र अति शीघ्र एम्स पहुंचाया जा सके, अगर उन्हें तुरंत विशेष उपचार की जरूरत है…

हिमाचल और हिमाचली अपने अच्छे, स्वस्थ और कठिन जीवन शैली के लिए जाने जाते हैं। पहाड़, हिमालय और जीवन की मुश्किलों में भी मुस्कुराते रहते हैं हिमाचली, लेकिन स्वास्थ्य सुविधाएं तो सभी नागरिकों को चाहिए, खासकर वृद्ध और बीमार लोगों के लिए। लेकिन हिमाचल में लंबे समय तक केवल इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज और हॉस्पिटल, डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा और कुछ और छोटे सरकारी व गैर सरकारी अस्पताल थे। अगर 2018 के सरकारी आंकड़ों को देखा जाए तो हिमाचल में 671 स्वास्थ्य सविधाओं के केंद्र हैं जिनमें 516 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 79 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 15 जिला अस्पताल, 61 सब डिविजऩल अस्पताल हैं। दो बड़े अस्पताल जिनका विवरण ऊपर दिया है, इन सबमें मिला कर 8706 की व्यवस्था है। कोरोना महामारी के दौरान इन अस्पतालों तथा स्वास्थ्य केंद्रों में अतिरिक्त बेड्स का प्रावधान किया गया था। 5 दिसंबर को भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) कोठीपुरा बिलासपुर की ओपीडी का विधिवत उद्घाटन किया।
इस संस्थान का पूर्ण निर्माण कार्य बहुत जल्दी पूरा होने की संभावना है। बिलासपुर एम्स का विधिवत उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जून 2022 में करेंगे। एक समय था जब देश में एक ही एम्स होता था दिल्ली में, जिसकी स्थापना 1956 में की गई थी। इसे देश का सर्वोच्च स्वास्थ्य संस्थान माना जाता है। लोगों की एम्स में बहुत आस्था है, लेकिन इतने सालों तक एक ही बड़ा अस्पताल पूरे देश के लिए काफी नहीं था। इसमें प्रवेश पाना बहुत कठिन था, क्योंकि देश के अधिकतर गणमान्य लोगों का इलाज़ भी यहीं होता था। एम्स देश का सर्वोच्च मेडिकल कॉलेज भी है। एम्स में 2500 बेड्स हैं। 2021 में देखें तो देश में 22 एम्स का कार्य प्रगति पर है। जनवरी 2020 तक 15 एम्स लगभग तैयार हो गए जिनमें कुछ आंशिक रूप से कार्य भी कर रहे हैं। 2025 तक सभी एम्स कार्य करने लगेंगे। देश के लिए यह सबसे गौरव की बात होगी कि हमने अपने देश की सेहत को सही रखने के लिए इतना अधिक परिश्रम किया है, पिछले 7 सालों में। अगर सरकार की दूसरी स्वास्थ्य सुविधाओं को देखा जाए तो आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना सबसे अधिक लोकप्रिय और लाभकारी है। आम नागरिकों के लिए दिक्कत है क्योंकि महंगी स्वास्थ्य सेवाओं और निजी अस्पतालों का खर्चा वे वहन नहीं कर सकते।
अगले साल जून में जब कोठीपुरा, बिलासपुर में यह एम्स पूरी तरह काम करना शुरू कर देगा तो इसमें अत्याधुनिक उपचार सुविधाएं और 750 बिस्तर होंगे। एम्स के शुरू होने से प्रदेश के नागरिकों को अच्छी और सही समय पर यह स्वास्थ्य सविधाएं उपलब्ध होंगी, वरना उपचार के लिए मरीज़ों को पीजीआई चंडीगढ़ ही रेफर किया जाता था। प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों से गंभीर अवस्था वाले मरीजों को चंडीगढ़ ले जाना बहुत मुश्किल हो जाता था। हालांकि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चलते हिमाचल के दुर्गम गांव भी मुख्य सड़कों से आकर जुड़ गए हैं, लेकिन हिमाचल की पहाड़ी भौगोलिक स्थिति और खराब मौसम, भीषण सर्दी, बर्फबारी को देखते हुए मरीजों को मुख्य सड़क तक पहुंचाना अब भी मुश्किल काम है। बहुत बार लोग पीठ पर या चारपाई पर बीमार लोगों को सड़क तक लाते देखे गए हैं। अब दुर्गम क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंच रही हैं, लेकिन धीरे-धीरे, पिछले सात सालों में यह काम बहुत तेजी से बढ़ा है।
अब प्रदेश में निजी अस्पतालों की संख्या भी बढ़ी है और प्रदेश में मेडिकल शिक्षा संस्थानों की संख्या में भी अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है। एम्स के शुरू होने से मंडी, कुल्लू, लाहुल-स्पीति, बिलासपुर, सरकाघाट के इलाकों को काफी लाभ मिलेगा। प्रदेश में 200 के करीब रोगी वाहन (एंबुलैंस) हैं। 108 नंबर डायल करने पर यह सुविधा उपलब्ध है। यही नहीं, कुछ इलाकों में मोटर साइकिल भी मरीजों की सुविधा के लिए उपलब्ध हैं। लेकिन हिमाचल के दुर्गम क्षेत्रों के मरीजों के लिए एयर एंबुलैंस की व्यवस्था करनी होगी। लाहुल-स्पीति, कुल्लू तथा प्रदेश के दूसरे दुर्गम जनजातीय पहाड़ी क्षेत्रों से खासकर दिल का दौरा और दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल लोगों को शीघ्र अति शीघ्र एम्स पहुंचाया जा सके, अगर उन्हें तुरंत विशेष उपचार या शल्य चिकित्सा की जरूरत है, ताकि उनका तुरंत उपचार किया जा सके। 250 एकड़ में फैले इस सर्वोच्च स्वास्थ्य संस्थान में मरीजों के अभिभावकों को ठहरने के लिए भी अच्छी व्यवस्था की जरूरत होगी, अन्यथा कुछ वर्षों के बाद एम्स दिल्ली की तरह लोग आसपास के इलाकों में रहने की सुविधा ढूंढते फिरेंगे या फिर यूं ही असुविधा में इधर-उधर पड़े रहेंगे। कोई भी बड़ा संस्थान जब बनता है तो आधारभूत मूल सुविधाओं की व्यवस्था करना जरूरी हो जाता है। बिलासपुर शहर को भी बहुत सारे आधारभूत बदलाव करने होंगे और यह एम्स बहुत सारे लोगों के लिए व्यवसाय और कामकाज के नए अवसर भी प्रदान करेगा। एम्स (कोठीपुरा, बिलासपुर) हिमाचल के लिए वरदान सिद्ध होगा। प्रदेश की जनता जिन आधुनिकतम स्वास्थ्य सुविधाओं से अब तक वंचित थी, जून 2022 में एम्स उन्हें वे सब स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करेगा।
रमेश पठानिया
स्वतंत्र लेखक
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