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- वीआईपी अर्थों में...

मौसम पर मेहरबान मेहमान और इधर दरख्वास्त है कि घर की गली सुधर जाए। यह घर हिमाचल है और गली में प्रवेश करते अति विशिष्ट लोगों के स्वागत में तोरणद्वार खुद की हालत पर गौर कर रहा है। भले ही हम रिज का मुआयना कर लें, धर्मशाला में आते वीआईपी लोगों के लिए बिछ जाएं, लेकिन सही मायने में जब कभी ऐसे मौके आते हैं, हिमाचल के इंतजाम छोटे पड़ जाते हैं। हमारे लिए वीआईपी आगमन शान है, इम्तिहान है, लेकिन जो राज्य सैलानियों के आते ही मजबूर या विवश नज़र आता है, उसके लिए यह चिंता का सबब होना चाहिए। प्रमुख शहरों में भीड़ बढ़ रही है, जबकि प्रदेश का शहरी ढांचा अपने हाल पर रो रहा है। आश्चर्य यह कि विकास का हिमाचली मॉडल केवल सियासी संकीर्णता में सत्ता का सुख और सत्ता का इस्तेमाल ही देख रहा है, जबकि विकास में सुनियोजित संतुलन और भविष्य की देखभाल की जरूरत कहीं अधिक है। हमें अपने जल संसाधनों का इस्तेमाल इस दृष्टि से करना है कि साल भर हर घर को निश्चित मात्रा में इसकी आपूर्ति हो। आश्चर्य यह कि साल के सबसे बेहतरीन समय में सरकारी मशीनरी यह निर्देश जारी करती है कि न तो नवनिर्माण किया जाए और न ही घरों में फूलों पर पानी का छिड़काव किया जाए। किसी भी शहरी निकाय को यह सोचने व करने का मौका नहीं मिल रहा कि वह अपनी जरूरतों के हिसाब से नगर की जलापूर्ति क्षमता को सक्षम बना सके।
सोर्स- divyahimachal
