सम्पादकीय

हिमाचल : पुण्यतिथि विशेष: जरूरतमंदों के मददगार थे कंवर हरिसिंह

Rani Sahu
26 July 2022 6:48 PM GMT
हिमाचल : पुण्यतिथि विशेष: जरूरतमंदों के मददगार थे कंवर हरिसिंह
x
जरूरतमंदों के मददगार थे कंवर हरिसिंह

नर सेवा-नारायण सेवा की मूल अवधारणा से प्रेरित होकर अपना समस्त जीवन समाज सेवा के क्षेत्र में आहूत करने वाले बहुमुखी प्रतिभा के धनी स्वर्गीय कंवर हरिसिंह ने ताउम्र दीन-दुखियों व जरूरतमंदों की मदद के लिए कार्य किया। 27 जुलाई, 2020 को इस नश्वर संसार से विदा लेने से पूर्व तक वह लगातार समाज के जरूरतमंद तबके की मदद के लिए कार्य करते रहे। कंवर हरिसिंह ने न केवल समाज सेवा के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान दिया, बल्कि प्रदेश की कर्मचारी राजनीति में करीब 25 सालों तक उनके निभाए गए अहम रोल के लिए उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा। वह एक तेजतर्रार व प्रभावशाली कर्मचारी नेता, योग्य अधिकारी, वैटरन जर्नलिस्ट रहे, जिन्होंने अपनी हर भूमिका को बखूबी निभाया और लोगों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी। कंवर हरिसिंह सदैव सामाजिक संस्थाओं के लिए प्रेरणा पुंज रहेंगे। 27 जुलाई, बुधवार को उनकी दूसरी पुण्यतिथि के अवसर पर सामाजिक संस्था हिमोत्कर्ष परिषद सेवा कार्यों का आयोजन करके उनको सच्ची श्रद्धांजलि देने का प्रयास कर रही है। हिमाचल सरकार में अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास निगम व महिला विकास निगम के महाप्रबंधक पद से 1998 में सेवानिवृत्त होने से पहले कंवर हरिसिंह ने केंद्र व प्रदेश सरकार में विभिन्न पदों पर कार्य किया। भारत सरकार के लैंड कस्टम विभाग में कस्टम अधिकारी के रूप में कैरियर की शुरुआत करने के बाद हिमाचल सरकार में एक्सटेंशन आफिसर इंडस्ट्रीज, जिला प्रबंधक व डीआरडीए के पीओ पद पर भी कार्यरत रहे।

कंवर हरिसिंह लगभग अढाई दशक तक प्रदेश में अढाई लाख कर्मचारियों के मजबूत हिमाचल अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अग्रणी नेता रहे। अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश सेक्रेटरी जनरल के रूप में उनकी पहचान एक जुझारू नेता की रही, जोकि कर्मचारी हितों के लिए लगातार संघर्षरत रहे। उनके नेतृत्व में प्रदेश में कर्मचारी महासंघ ने दो बड़े आंदोलन लड़े, जिसमें कर्मचारियों के लिए चिरस्थाई नीति निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। वहीं वह राज्य राजपत्रित अधिकारी संघ के भी प्रधान रहे। समाज सेवा के क्षेत्र में कंवर हरिसिंह बचपन से ही जुटे रहे। 1974 में उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर हिमोत्कर्ष साहित्य, संस्कृति एवं जनकल्याण परिषद पंजीकृत संस्था की स्थापना की, जोकि अब प्रदेश की अग्रणी स्वयंसेवी संस्था का रूप धारण कर चुकी है। वर्तमान समय में इस संस्था की प्रदेश में 12 शाखाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, गरीबों के उत्थान, महिला सशक्तिकरण तथा समाज सेवा के विभिन्न प्रकल्पों को अंजाम दे रही हंै। वह पूरे देश में हिमाचली संस्थाओं का राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करने वाली अखिल भारतीय सामाजिक संस्था संघ के तीन दशकों से अधिक समय तक राष्ट्रीय महासचिव रहे। इसके माध्यम से उन्होंने हिमाचल की आवाज को उपयुक्त मंचों पर उठाया। कंवर हरिसिंह नैशनल सोसाईटी फोर प्रवेंशन आफ ब्लाईंडनेस हिमाचल शाखा के भी फाऊंडर जनरल सेक्रेटरी थे। उन्होंने प्रदेश में शत-प्रतिशत स्कूली बच्चों की नेत्र जांच के कार्य को मुकम्मल करके हिमाचल प्रदेश को देश का पहला कैटेरेक्ट फ्री स्टेट बनाने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की। कंवर हरिसिंह रोटरी अंतरराष्ट्रीय जिला 3070 के वरिष्ठ रोटेरियन भी हैं। उन्हें गाडफ्रे बे्रवरी अवार्ड के अलावा रोटरी का उच्चतर पुरस्कार सर्विस एवाव सैल्फ से भी नवाजा जा चुका है। जबकि रोटरी रत्न अवार्ड व नेत्र सेवा में राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है। ऊना रोटरी क्लब के प्रधान के रूप में 1986 में ऊना जिला के ईसपुर गांव में विश्व की सबसे पहली रोटरी विलेज कोर की स्थापना कर रोटरी मूवमेंट को गांव की तरफ मोडऩे की शुरुआत उन्होंने की थी। ऊना में कुष्ठ आश्रम की स्थापना कर उसमें कुष्ठ रोग पीडि़तों के 22 परिवारों का पुनर्वास करके सामान्य जीवन व्यतीत करने के काबिल बनाने में अहम भूमिका अदा की। वहीं आंखों के जांच व आपरेशन शिविरों के आयोजन के लिए गंाव-गांव में स्थानीय संस्थाओं को प्रेरित कर अभियान चलाया। मंदबुद्धि बच्चों के लिए स्थापित प्रेमाश्रम को भी वह लगातार सहयोग देते रहे।
ईसुपर आयुर्वेदिक अस्पताल व रोटरी आई अस्पताल धुस्साड़ा की स्थापना में अहम योगदान : ऊना जिला के ईसपुर में आरवीसी के माध्यम से निर्मित अस्पताल को 10 बिस्तर क्षमता का राजकीय आर्युवैदिक अस्पताल बनाने में उनकी अहम भूमिका थी। वहीं, पालमपुर रोटरी आई फाऊंडेशन के सहयोग से धुस्साड़ा गांव में रोटरी आई अस्पताल की स्थापना व संचालन में उनका अहम योगदान रहा। ऊना में क्षेत्रीय अस्पताल में सबसे पहले ब्लड बैंक की स्थापना रोटरी क्लब के माध्यम से की थी। ऊना शहर में ही रेडक्रास भवन में रोटरी क्लब के सौजन्य से फिजियोथैरेपी सेंटर तथा ऊना मुख्यालय पर रोटरी चौक की स्थापना उनके जिला में सामाजिक व सार्वजनिक क्षेत्र में करवाए गए कुछ अहम कार्य हैं।
कंवर हरिसिंह के प्रयासों से ऊना को मिला जिला में पहला सरकारी महिला कालेज : ऊना जिला में कंवर हरिसिंह के नेतृत्व में हिमोत्कर्ष परिषद ने शिक्षा क्षेत्र में अहम योगदान देते हुए ग्रामीण व दूरस्थ क्षेत्रों की गरीब व जरूरतमंद लड़कियों को उच्चतर शिक्षा प्रदान करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र कोटला खुर्द में लाला जगतनारायण हिमोत्कर्ष कन्या महाविद्यालय की स्थापना की, जिसे अब प्रदेश सरकार ने अधिग्रहण कर लिया है। इस कालेज को जिला का पहला सरकारी महिला कालेज होने का गौरव हासिल हुआ है, जोकि आने वाले समय में क्षेत्र की लड़कियों को उच्च व व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने में अहम भूमिका निभाएगा। इसके अलावा डंगोली गांव में राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल भी उनके प्रयासों का ही फल है। निर्भीक पत्रकार थे कंवर हरिङ्क्षसह : कंवर हरिसिंह ने सेवानिवृत्ति के उपरांत ताउम्र एक निर्भीक पत्रकार व स्तंभकार के रूप में भी क्षेत्र की समस्याओं, जनभावनाओं को उठाने में अपनी भूमिका अदा की। वहीं सामाजिक सरोकारों से जुड़े मसलों को भी लगातार आवाज प्रदान करते रहे।
जतिंद्र कंवर
पत्रकार एवं लेखक

By: divyahimachal

Rani Sahu

Rani Sahu

    Next Story