सम्पादकीय

खतरे में दिल

Subhi
5 Oct 2022 5:40 AM GMT
खतरे में दिल
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स्वास्थ्य सच्चा धन होता है। लेकिन अफसोस कि आज हमने आधुनिकता और भौतिकतावाद की अंधी दौड़ में इस सच्चे धन की परवाह करना छोड़ दिया है। इस कारण आज दुनिया में जानलेवा बीमारियों का दायरा बढ़ता जा रहा है।

Written by जनसत्ता: स्वास्थ्य सच्चा धन होता है। लेकिन अफसोस कि आज हमने आधुनिकता और भौतिकतावाद की अंधी दौड़ में इस सच्चे धन की परवाह करना छोड़ दिया है। इस कारण आज दुनिया में जानलेवा बीमारियों का दायरा बढ़ता जा रहा है। हमारा देश भी इसमें शामिल हो चुका है। हमारे शरीर का सबसे महत्त्वपूर्ण वैसे तो हर अंग है, लेकिन दिल का तंदुरुस्त रहना सबसे जरूरी है।

दुनिया में बढ़ते दिल की बीमारी के मरीजों की संख्या पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) भी चिंता जाहिर कर चुका है। इसके बावजूद यह बीमारी कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है। दिल की बीमारियों का एक सबसे बड़ा कारण प्रदूषण तो है ही, साथ ही गलत खानपान और जीवन शैली भी है।

दुनिया में भूखे पेट मरने वाले लोगों के साथ उन मरने वाले लोगों का आंकड़ा भी कम नहीं होगा, जो भूख से ज्यादा खाते हैं। अन्य कारणों की भी पहचान की जानी चाहिए। अगर दिल की बीमारियों से बचना है तो इसके लिए अपने खानपान और जीवनशैली पर ध्यान देना होगा, चिंता और तनाव से बचना होगा, प्रकृति के साथ जुड़ना होगा, साफ-सफाई का खयाल रखना होगा।

देश के कई राज्यों में हाल ही में पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) के विरुद्ध एनआइए और ईडी की संयुक्त कार्रवाई के दौरान उसके दो सौ से भी ज्यादा सदस्य गिरफ्तार किए गए। उनसे आतंकी वित्तपोषण, आतंकवादियों का प्रशिक्षण तथा युवाओं का प्रभावित करने के संबंध में महत्त्वपूर्ण खुलासे हुए हैं। कार्रवाई के दौरान हिंसात्मक मंसूबों का जिस तरीके से पर्दाफाश हुआ, वह दहला देने वाला है।

देश के समक्ष आतंकवादियों से निपटने की चुनौती है। इस तरह की कार्रवाई निरंतर जारी रखी जानी चाहिए, ताकि पीएफआइ की तरह काम करने वाले अन्य संगठनों और आतंकवादियों के जाल को पूरी तरह से ध्वस्त किया जा सके।


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