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केंद्र सरकार उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन मुहैया करा आम लोगों का जीवन स्तर बेहतर बनाने में सफल रही है- ये खुद उसका दावा है। साथ ही उसका दावा है कि उसकी इस योजना पर्यावरण की सुरक्षा भी सुनिश्चित हुई है। लेकिन हकीकत क्या है? सच यह है कि शहरों में झुग्गियों बस्तियों के सारे घरों के पास एलपीजी नहीं है। ये बात काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरमेंट एंड वाटर (सीईईडब्ल्यू) के एक ताजा सर्वेक्षण से सामने आई है। सर्वे से पता चला कि छह भारतीय राज्यों में शहरी झुग्गियों में रहने वाले परिवारों में से लगभग आधे ही एलपीजी का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में ग्रामीण इलाकों की तस्वीर का अनुमान लगाना मुश्किल नहीं है। ये बात सही है कि इन शहरी झुग्गियों में 86 प्रतिशत परिवारों के पास एलपीजी कनेक्शन है। लेकिन दूसरी असलियत है कि सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत कनेक्शन मुहैया कर ही अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली है। इस बात की निगरानी का कोई ठोस तंत्र विकसित नहीं हो सका है कि लोग दोबारा सिलिंडर रीफिल कराएं। वे ऐसा करा रहे हैं या नहीं, इसे पूछने कोई नहीं जाता।