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- हिदायत और आश्वासन...
आदेश रावल उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज दिल्ली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाक़ात की. राहुल गांधी से मुलाक़ात के बाद मीडिया से बात करते, इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा, हरीश रावत हमारे नेता है, वह प्रचार समिति के अध्यक्ष है.इनके नेतृत्व में ही कांग्रेस विधानसभा का चुनाव लड़ेगी. उसके बाद हरीश रावत ने कहा, हम सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे और मुख्यमंत्री का फ़ैसला चुनाव के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी. अब सवाल यह उठता है कि इस पूरी मशक़्क़त से हरीश रावत ने क्या हासिल किया ? दरअसल रावत को डर था कि कहीं उनके साथ 2002 की घटना फिर से ना दोहराई जाए. 2002 में हरीश रावत के चेहरे पर चुनाव लड़ा गया था और मुख्यमंत्री की कुर्सी एनडी तिवारी के हिस्से में आई थी. इस बार रावत कांग्रेस आलाकमान से आश्वासन चाहते थे ताकि चुनाव के बाद कोई दूसरा उम्मीदवार मुख्यमंत्री की रेस में ना खड़ा हो जाए. दरअसल हरीश रावत भी यह जानते थे कि कांग्रेस में मुख्यमंत्री घोषित करने का रिवाज नहीं है.