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- सख्ती का समय
यह समय सख्ती का है और अगर सरकार के प्रति देश की सर्वोच्च न्यायालय ने सख्त रुख का इजहार किया है, तो कोई अचरज नहीं। कोरोना के बढ़ते मामले और उसके साथ ही, इलाज, दवाओं और ऑक्सीजन के बढ़ते अभाव से निपटने के लिए सिवाय सख्त रुख अपनाने के कोई उपाय नहीं है। सर्वोच्च अदालत ने स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी करके पूछा है कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकार के पास क्या योजना है? इस सख्ती के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में ऑक्सीजन की उपलब्धता और इसकी आपूर्ति को लेकर गुरुवार को उचित ही एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की है। प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने, उसके वितरण की गति तेज करने और स्वास्थ्य सुविधाओं तक उसकी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए तेज गति से काम करने की जरूरत पर बल दिया है। ऑक्सीजन की आपूर्ति को अबाध बनाना सबसे जरूरी है। उच्च अधिकारियों को जमीनी हकीकत नजर आनी चाहिए। अब बंद कमरों में बैठकर संवाद करने या भाषण देने का कोई विशेष अर्थ नहीं है। किन्हीं दो-तीन अस्पतालों का भी मुआयना अगर ढंग से कर लिया जाए, तो वस्तुस्थिति सामने आ जाएगी। बडे़ नेताओं को सीधे जुड़कर काम करना होगा। केवल कागजों पर इंतजाम कर देना किसी अपराध से कम नहीं है। आदेशों-निर्देशों को जमीन पर उतारना होगा।